एक बारिश वा धूप का दंस भी ना झेल सकी प्रधानमंत्री सडक, हुए कई टुकड़े
जमकर किया संविदाकार ने घोटाला
मध्य प्रदेश में लगभग हर गांव में पक्की सड़क अब बनकर तैयार हो चुकी है लेकिन पक्की सड़क बनाने वाले संविदाकार सही तरीके से कम ना करके सिर्फ नाम करने के लिए सड़क को बना रहे हैं ताकि वह एक साल में ही दो से तीन टुकड़ों में बट जाए। इसके बाद मेंटेनेंस के नाम पर फिर से पैसे निकाले जा सके ऐसा ही एक मामला सामने आया है जो सबको हैरान कर देने वाला था।
यह था पूरा मामला
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एमपी के सीधी जिले के चुरहट विधानसभा के रामपुर नैकिन जनपद अंतर्गत ग्राम कोटा के लोगो के पक्की सड़क पर चलने के देखे गए सपनो पर संविदाकार डामर की लेप लगाकर रफू चक्कर हो गए। गांव के जिन लोगो ने पहुचमार्ग बनाए जाने का प्रयास किए वही लोग कार्य करने के दौरान में ही गुणवत्ताहीन का आरोप लगाकर जांच कराने की गुहार लगाए थे।
RES की लापरवाही से सडक हुई गुणवत्तापूर्ण – ग्रामीण
ग्रामीणों की शिकायत पर RES विभाग के कार्यपालन यंत्री अधिकारी हिमांशु तिवारी से गुणवत्ताहीन का आरोप लगाए थे। जिस कारण जांच कराया गया तो ग्रामीणों द्वारा की गई। शिकायत सही पाई गई थी लेकिन कोई गंभीरता से कार्यवाही नही की गई थी और न ही उपयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता में सुधार किया गया था। ग्राम पंचायत कंधवार से लगे कोटा गांव में सड़क नही थी, गांव के लोग 70 साल से प्रयास कर रहे थे लेकिन उसके बाद भी गांव तक सड़क पहुंचाने में असफल साबित हुए थे।
सालो बाद लोगो को मिली थी पक्की सडक – पियूष पांडे
कहते है कि प्रयास करने से कोई काम असंभव नहीं है ऐसा ही कर दिखाया था चुरहट विधानसभा के कोटा गांव के पियूष पाण्डेय ने उनके प्रयासों से न केवल सड़क बनाने की मंजूरी मिली थी। बल्कि मुख्यमंत्री सुदूर ग्राम सड़क योजना से जोड़कर कोटा गांव में पक्की सड़क में चलने का सपना भी पूरा हो गया था। लेकिन नौढिया से कोटा गांव पहुंच मार्ग तक घटिया तरीके से किया गया कार्य जिस कारण पियूष पाण्डेय व उनके सहयोगी साथियों के मेहनत पर संविदाकारों ने अपने फायदे के लिए ग्रामीणों के सपनो पर पूरी तरह पानी फेरे। जिसके कारण अब संविदाकारों के लापारवाही का नतीजा ग्रामीणों को देखने को मिल रहा है।