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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया एक बहुत बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री के इस फैसले पर साधु संत की क्या रही प्रतिक्रिया

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अयोध्या राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का भाव्य कार्यक्रम 22 जनवरी को शुरू होने जा रहा है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी के लिए एक बहुत बड़ा फैसला ले लिया है जिस पर सभी साधु संत के प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं आए जान पूरा मामला

 

बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम ह 22 जनवरी को किया जाएगा जहां पर रामलला का भव्य कार्यक्रम है जिसको लेकर पूरे भारत में उत्साह देखने को मिल रहा है मध्य प्रदेश जो मैं भी इसके लिए जरूर शुरू से तैयारी नहीं है और लोगों ने भी मंदिरों में भजन कीर्तन और रामलाल के गुणगान गाना शुरू कर दिया है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बहुत बड़ा फैसला लेते हुए सभी को चौंका दिया है

 

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बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लाल के साथ प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को शुरू होने से पहले ही 11 दिन का रामलाल के लिए अनुष्ठान रखा है जिसमें की रामलाल के लिए भजन कीर्तन और उनके अनुष्ठान कार्यक्रम के बारे में जैसे ही साधु संतों को पता चलाओगे कह रहे हैं कि यह बहुत अच्छा विचार है इसके  हम प्रधानमंत्री का शुक्रिया भी करते हैंप्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है और इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं.’ प्रधानमंत्री ने एक ऑडियो संदेश भी पोस्ट करते हुए कहा कि इस वक्त किसी की भावना को शब्दों में बांधना मुश्किल है लेकिन वह कोशिश कर रहे हैं.

 

पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस स्वप्न को अनेको पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, मुझे उसकी सिद्धि के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है. प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. जैसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि हमें ईश्वर के यज्ञ के लिए, आराधान के लिए स्वंय में भी दैवीय चेतना जागृत करनी होती है. इसलिए शास्त्रों में व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं, जिन्हें प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है. इसलिए आध्तयात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से जो मार्गदर्शन मिला है, उन्होंने जो नियम सुझाए हैं उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. इस पवित्र अवसर पर परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं और जनता जनार्दन से प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें ताकि मेरी तरफ से कोई कमी न रहे.’

 

 

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