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सांठगांठ से चल रहे आधा सैकड़ा से ज्यादा अवैध कोचिंग सेंटर, नहीं हो रही कार्रवाई

प्रतिमाह लाखों रूपए की मोटी कमाई के बाद भी नही भर रहें जीएसटी

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जिला मुख्यालय में जाधा सैकड़ा से ज्यादा अवैध कोचिंग सेंटर संचालित हैं। ज्यादातर स्थलों पर तो एक छोटे से कमरे में क्षमता से अधिक छात्र छात्राओं को बिठा कर सुनहरे भविष्य के सपने दिखाये जा रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि प्रतिमाह लाखों रूपए कमाने वाले कोचिंग सेंटर के संचालकों द्वारा घरेलू बिद्युत सेवा का उपयोग किया जा रहा है साथ ही भारत सरकार को देने वाले टैक्स में भी गोल माल किया जा रहा है। वहीं जिला शिक्षा विभाग को भी अंधेरे में रख कर व्यापार को गति दी जा रही है। नियम विरुद्ध संचालित कोचिंग सेंटरों में कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना लगातार चनी हुई है।

 

आपको बताते चले कि जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलों एवं कस्बा क्षेत्रों में इन दिनो शिक्षा को व्यापार का स्वारूप प्रदान किया जा रहा है। नियम विरुद्ध संचालित कोचिंग एवं ट्युशन सेंटरों में बिना किसी मान्यता के ही धड़ल्ले से संचालित हैं। जबकि कोचिंग सेंटरके संचालन हेतु नए नियम और कानून जारी किए जा चुके हैं। ये नियम छात्रों और कोचिंग उद्योग के लिए एक नहीं चल्कि कई चीजों में बदलाव करते हैं। कोचिंग सेंटरों के संचालन के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताओं का सुझाव देना और नामाकित छात्रों के हितों की रक्षा करना बताया जा रहा है। इसके अलावा छात्रों पर पढ़ाई का अत्यधिक बोझ और गलाकाटप्रतिस्पर्धा पर विराम लगाने का प्रयास किया गया है। नये नियम के तहत कोचिंग सेंटरों को स्थानीय अधिकार क्षेत्र में आधिकारिक निकाय को पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करने की आवश्यकता है। कोचिंग सेंटर को सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेजों की आवश्यकताओं जैसे फॉर्म की आवश्यकताओं का पालन करना

 

होगा। इसके अलावा यह ध्यानरखना महत्वपूर्ण है कि यदि किसी कोचिंग सेंटर की कई शाखाएँ हैं, तो प्रत्येक शाखा को एक अलग इकाई माना जाता है। इसलिए इनमें से प्रत्येक शाखा के लिए एक अलग पंजीकरण आवेदन की आवश्यकता होगी।

 

 

नए नियम में बुनियादी ढांचे पर जोर जानकारों की माने तो नए निगम के तहत चुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है जिसके अनुसार कोचिंग सेंटरों को प्रत्येक कक्षा में प्रति छात्र कम से कम एक वर्ग मीटर जगह रखने की व्यवश्यकता होती है। इसके अलावा प्रत्येक कोचिंग संस्थान के लिए अग्नि सुरक्षा कोड का पालन करना अनिवार्य है। प्रत्येक कोचिंग सेंटर के पास अग्नि और भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कोचिंग सेंटरों द्वारा सही प्रकाश व्यवस्था, विद्युतीकरण और वेंटिलेशन व्यवस्था अनिवार्य रूप से बनाए रखी जानी चाहिए। उचित सीसीटीवी कैमरे, चिकित्सा सहायता और प्राथमिक चिकित्सा किट पर भी प्रमुखता से जोर दिया मया है। इसके अतिरिक्त नए नियमों के अनुसारए पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस उचित और निष्पक्ष होनी चाहिए। साथ ही पीस को विस्तृत रसीदें भी प्रदान की जानी चाहिए। बाद रखें पाठ्‌यक्रमों, उनकी अवधि, कक्षाओं, छात्रावास सुविधाओं, निकास नीतियों, शुल्क वापसी प्रक्रियाओं और अधिक के बारे में सभी प्रामाणिक जानकारी वाला एक प्रॉस्पेक्टस प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

 

इनका कहना है अभी तक किसी भी कोचिंग सेंटर के संचालक द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। यदि कहीं भी नियम विरुद्ध कार्य को गति दी जा रही है तो शिकायत मिलने के बाद जाँच एवं उचित विधिक कार्रवाई की

 

जायेगी। डॉ. पीएल मिश्रा, जिल्ला शिक्षा अधिकारी सीधी।

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