इंदौर में लगातार हाउस अरेस्ट की घटनाएं सामने आ रही है। इसी कड़ी में एक रिटायर्ड अफसर को दो दिनों तक हाउस अरेस्ट कर 40 लाख रुपए की ठगी की वारदातों को बदमाशों ने अंजाम दिया। फिलहाल पूरे ही मामले में रिटायर्ड अफसर ने पुलिस को शिकायत की और पुलिस ने पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
इंदौर में एक बार फिर डिजिटल तरीके से हाउस अरेस्ट का घटनाक्रम सामने आया है वहीं फरियादी राकेश गोयल जो कि डिप्टी बैंक मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुए हैं। उन्होंने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि 11 जुलाई को उनके नंबर पर अनजान कॉल आया इस पर उन्होंने फोन को उठाकर बात की तो उन आरोपियों ने कहा कि जो कोरियर आपने भेजा है उस पर फर्जी पासपोर्ट और ब्राउन शुगर सहित नशीली पदार्थ मौजूद है।
जिसके चलते आपके ऊपर मनी लॉर्डिंग सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज होना है इसके चलते पूर्व डिप्टी बैंक मैनेजर को अलग-अलग अधिकारियों से बात करवाई गई। साथ ही इस दौरान कोई सीबीआई का अधिकारी बन कर बात करता तो कोई पुलिस विभाग का अधिकारी बनकर बात करता इस तरह से तकरीबन दो दिनों तक राकेश गोयल को ऑनलाइन तरीके से घर में ही हाउस अरेस्ट किया गया।
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साथ ही इन कार्रवाइयों से बचने के लिए 40 लाख रुपए की डिमांड की गई जिसके चलते फरियादी राकेश गोयल ने अपने पास मौजूद 39 लाख 60000 रुपए ट्रांसफर कर दिए और उसके बाद जब फोन कट हुआ। उन्होंने अपने परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी तो परिजनों ने कहा कि आपके साथ साइबर ठगी हुई है इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह को दी।
अमित सिंह ने पूरे मामले में एडिशनल डीसीपी राजेश दाड़ोतिया को जांच कर प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि हरियाणा की मेवात गैंग के द्वारा ही इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
और जिन लोगों ने फरियादी राकेश गोयल को चिन्हित का हाउस अरेस्ट की वारदात को अंजाम दिया है उन आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
राजेश दंडोतिया , एडिशनल डीसीपी , इंदौर