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क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे जिम्मेदार, साल भर पहले विधायक कर चुके हैं निरीक्षण, फिर भी जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं छात्राएं

उमरिया जिला मुख्यालय का मामला

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क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे जिम्मेदार, साल भर पहले विधायक कर चुके हैं निरीक्षण, फिर भी जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं छात्राएं

 

उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)

 

उमरिया जिला आदिवासी बहुल इलाका है और यहां पर आलम यह है अधिकारी हों, नेता हों कोई भी हों हर कोई बस पल्ला झाड़ने में लगा रहता है, एक ऐसा ही मामला उमरिया जिले के जिला मुख्यालय से ही आया है जहां कक्षा 1 से 12वीं तक का स्कूल है लगभग हजारों की तादाद में उस स्कूल में छात्राएं हैं, फिर भी जर्जर भवन में पढ़ने को कन्याएं मजबूर हैं।

 

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर छात्राएं

 

दरअसल उमरिया जिला मुख्यालय में ही गांधी चौक के पास शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित है, और यहां पर कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं, कन्या स्कूल है इसलिए सिर्फ यहां छात्राएं ही पढ़ती हैं लेकिन इस स्कूल का भवन इतना जर्जर है कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है स्कूल की छात्राएं बताती हैं की बरसात जब होती है तो छत से पानी टपकता है भवन इतना जर्जर है कि पढ़ने में डर लगता है फिर भी क्या करें स्कूल है पढ़ने तो आना पड़ता है लेकिन साथ में डर भी बना रहता है।

 

भवन को लेकर बोले जिम्मेदार 

 

कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के जर्जन भवन को लेकर जब वहां के प्रिंसिपल ललन सिंह मरकाम से हमारे संवाददाता तपस गुप्ता ने बात की तो प्रिंसिपल ललन सिंह मरकाम खुद भी बताते हैं कि उमरिया जिला मुख्यालय का यह इकलौता कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल है जहां कक्षा 12वीं तक की बच्चियां पढ़ती हैं इस विद्यालय में लगभग 800 से 900 बच्चियों पढ़ती हैं और बच्चियों के हिसाब से भवन की कमी पहले से ही है और जो पुराना भवन है वह भी बहुत जर्जर हो चुका है, बरसात के समय छत से पानी टपकने लगता है इस संबंध में हमने अपने वरिष्ठ कार्यालय में पत्राचार किया है।

 

इतना ही नहीं इस जर्जर भवन को लेकर हमारे संवाददाता तपस गुप्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह गौर से बात कि तो उन्होंने ने कहा कि मेरे पास अभी तक कोई प्रस्ताव ही नहीं आया है मैं प्रस्ताव मंगवा कर उसे दिखवा लेता हूं

 

विधायक ने किया निरीक्षण समस्या बरकरार

 

बताया जा रहा है की इस स्कूल का पिछले साल विधायक भी निरीक्षण करने आए थे जो इस विद्यालय के एस्टीमेट भी बनवा चुके हैं लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ है, बांधवगढ़ विधानसभा के विधायक शिव नारायण सिंह से हमारे संवाददाता तपस गुप्ता ने बात की तो उन्होंने कहा कि मैं एक साल पहले निरीक्षण करने गया था जहां बैठक न होने के चलते अभी पैसा आवंटित नहीं हुआ है।

 

गौरतलब है की जिस तरह से स्कूल की छात्राएं खुद भी उस जर्जर भवन की समस्याओं से अवगत करा रही हैं, और पढ़ाई करते समय उनके मन में जो भय बना रहता है उसे भी बता रही हैं, साथ ही प्रिंसिपल भी इस समस्या को बताने से पीछे नहीं हट रहे हैं मामला समझ सकते हैं कि कितना गंभीर है, एक साल पहले ही सत्ता पक्ष के विधायक जी स्कूल का निरीक्षण भी कर चुके हैं, स्कूल को लेकर दावे भी कर दिए, लेकिन अब तक स्कूल के भवन का कायाकल्प नहीं करा सके हैं, आलम यह है की छात्राये हैं जो आज भी उस जर्जर भवन में शिक्षा लेने को मजबूर हैं। जो जिम्मेदारों के कार्यक्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

तो वहीं कांग्रेस नेता राजेश शर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार और सत्ता पक्ष के विधायक को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि

एक ओर सरकार और बीजेपी के लोग कहते हैं की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन वहीं दूसरी ओर बच्चियां इस तरह से जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं, जो सरकार की कथनी और करनी की पोल खोल रही है।

 

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