शिकायत के बाद भी नही हुई उप स्वास्थ्य केन्द्र की जांच
बढ़ौरा में घटिया कराया गया है उपस्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण-पूरे निर्माण कार्य में एसडीओ व इंजीनियर की भूमिका संदिग्ध
अपनी नाकामी छिपाने संविदाकार, एनआरएचएम की एसडीओ व इंजीनियर ने आनन-फानन में घटिया उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन की पुताई करा दी है ताकि किसी को पता न चल सके कि भवन में कितना – घटिया मटेरियल लगा हुआ है। – पहले जहां उपस्वास्थ्य केन्द्र का – मंथर गति से निर्माण कार्य चल रहा था लेकिन जैसे ही ग्रामीण मुखर होना शुरू हुए उसके बाद से तो मानों कार्य ने दुगुनी रफ्तार पकड़ ली – और कलेक्टर तक शिकायत भी की गई लेकिन जांच-कार्रवाई नही हो सकी है।
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम – पंचायत बढ़ौरा में उपस्वास्थ्य केन्द्र – भवन का निर्माण कराया जा रहा है। – भवन निर्माण को लेकर संबंधित विभाग और उसके चहेते ठेकेदार द्वार जमकर अनियमितता बरती गई है। निर्माण में घटिया व निम्न दर्जे – की भवन निर्माण सामग्री का उपयोग – किया गया है। जिसको लेकर विगत दिनो बढ़ौरा सरपंच रामप्रसाद रावत
दर्जनों लोगों के साथ कलेक्टर के पास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें उल्लेख किया गया था कि सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन उपस्वास्थ्य केन्द्र में नहीं किया जा रहा है उक्त भवन में काफी गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है साथ ही पूर्व में बनी बाउण्ड्रीबाल को भी ध्वस्त कर दिया गया है। जिस पर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की जांच कार्रवाई नही
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हो सकी है। बता दें कि ग्राम बढ़ौरा और क्षेत्रवासियों की मांग पर शासन ने बढ़ौरा में उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण करने के लिए 48 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है और भवन निर्माण का जिम्मा एनआरएचएम को दिया गया है। लेकिन ग्रामीणों की माने तो संबंधित ठेकेदार प्रदेश सरकार और लोगों की मंशा को हांसिए में रखते हुए घटिया दर्जे का भवन निर्माण कर रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक ठेकेदार भवन की जोड़ाई, छपाई जैसे कार्यों के लिए लोकल घटियादर्जे का उपयोग किया गया है। इसके अलावा भवन में घटिया दर्जेकी गिट्टी, सीमेंट तथा ईंट का भी उपयोग किया गया है।
नहीं की गई मानिटरिंग
भीषण गर्मी में उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य किया जा रहा है ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य में ना तो सूचना प्लेट लगाई गई है और ना ही स्वीकृति राशि व निर्माण कार्य तारीख भी दर्शाया गया है और ना ही यह 48 लाख की स्वीकृति वाली प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र कौन से विभाग के अंतर्गत यह राशि उपलब्ध कराई गई है इसका किसी भी प्रकार का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। ठेकेदार के द्वारा अपनी मनमानी करते हुए घटिया ईंटो के साथ ही अन्य घटिया सामग्री इस पूरे भवन में खपाई जा रही है। जबकि उच्च अधिकारियों द्वारा मानिटरिंग भी नहीं की जा रही है।