बनते ही उखड़ी पीसीसी सड़क, आवश्यक सेवा और आजीविका पर सवालिया निशान!
सिहावल जनपद पंचायत क्षेत्र का है मामला
बनते ही उखड़ी पीसीसी सड़क, आवश्यक सेवा और आजीविका पर सवालिया निशान!
सीधी: मध्य प्रदेश
सिहावल जनपद के ग्राम पंचायत लिलवार में गुणवत्ता विहीन पीसीसी सड़क का निर्माण सिहावल जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों एवं निर्माण कार्य एजेंसी पर खड़ा करता सवालिया निशान है! क्या ऐसे ही होगा ग्राम उदय से भारत उदय! जहां सड़क निर्माण आधुनिक समाज के लिए मौलिक है, जो सुरक्षा जोखिम और यातायात चुनौतियों का सामना करते हुए लोगों को आवश्यक सेवाओं और आजीविका से जोड़ता है वहीं निर्माणकार्य एजेंसियों का लापरवाही पूर्वक किया गया कार्य ग्रामीणों को विकास की मुख्य धारा से अलग करता है | इसे लापरवाही कहें या मनमानी | संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की साठ- गांठ से खूब पनप रहा अवैध और अमानक कार्य |
Related Posts
सड़क निर्माण कार्य में निश्चित रूप से खूब धांधली की गई है जिससे बनते ही सड़क अपना अस्तित्व खो चुकी है |सड़क के सभी मटेरियल अमानक होने की वजह से निर्माण कार्य घटिया साबित हुआ है जिसका ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया | घटिया निर्माण कार्य को आखिर कमीसन रूपी चादर ने भी नही ढ़ाक पाया | यह मामला पत्रकारों के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा जहां जांच मे सरपंच जीतेंद्र पटेल गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य को स्वीकार कर पुनः निर्माण कार्य कराने हेतु वचन वद्ध हुए | वहीं विभागीय एसडीओ एवं सब इंजीनियर आशीष कुमार सिंह द्वारा जांच कर गुणवत्ता विहीन सड़क के भुगतान पर रोक लगा दी है | अब देखना दिलचस्प होगा कि जब निर्माण कार्य एजेंसियां बेखौफ होकर ऐसे कारनामे कर डालती हैं तो क्या ये सिलसिला चलता ही रहेगा या इसमे कमीसन रुपी मोटी परत चढ़ा दी जाएगी |
सिहावल जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम मात्र बचा है यहां सारे कार्य मशीनों द्वारा पूर्ण करा लिए जाते हैं यहां मजदूरों का पलायन रोके नहीं रुक रहा है |
हाल ही में पत्रकारों ने अपना कार्य करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है जिसमें अनेकों श्रम मूलक कार्यों को मशीनों से पूर्ण होता हुआ दिखाया गया है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की आंख में कमीशन रूपी पट्टी बंधी है जो आज तक इन जिम्मेदारों को भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा है |