इन दिनों किशोर वर्ग के बच्चों से लेकर युवक युवतियों में रील बनाने का जुनून बढ़ता जा रहा है। ये युवा मेकअप और नए नए परिधान में सज धजकर घर से निकलते हैं और अपने पसंद के जगहों पर जाकर अपने दोस्तों के साथ कई-कई घंटे रील बनाने में बिता रहे हैं। ये युवा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पॉपुलर होने की चाहत में तरह तरह की स्टाइलिश अदाओं के साथ रील बनाने में लगे हुए है। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि इन युवाओं के देखा देखी अब स्कूली बच्चे भी इस तरह के वीडियो बनाने में जुटे हुए हैं। अपने द्वारा बनाये गए वीडियो ये वर्ग फेसबुक, इंस्टाग्राम और कई तरह के ऐप सहित अब यूट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं।
अकेलापन का शिकार हो रहा बचपन
मोबाइल में रील की लत के चलते युवा वर्ग असल दुनिया से दूर हो वर्चुअल दुनिया में खोते जा रहे हैं। जिसके चलते अब बच्चे भी अकेलेपन का शिकार होते जा रहे हैं। यही वजह है कि इससे कई बच्चों में सोशल एक्टिविटीज खत्म हो रही है। वे दूसरे लोगों से बात करना भी पसंद नहीं करते।खेल से दूर बच्चों का फूहड़ प्रदर्शन
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मोबाइल के आधुनिक तकनीक से लैस ये बच्चे अब अपना बचपन मोबाइल स्क्रीन के आकर्षण में खोते जा रहे हैं। ये वर्ग पढ़ाई और किसी अच्छे मंजिल पर पहुंचने की जगह अब कैमरे के सामने स्टंट करने और तरह-तरह के स्टेटस बनाने में लिप्त होते जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज जाने वाले बच्चों में यह एक खतरनाक लत बनती जा रही है। अपने आप को सोशल मीडिया में अपडेट करने की चाहत में कई बार फूहड़ता की हद भी पार करने पर उतारू है।
बच्चों को पर्याप्त समय दें
पालक बच्चों को जितना हो सके मोबाइल से दूर रखें और पर्याप्त समय दें। उन्हें अपने आसपास हो रहे पारिवारिक व सामाजिक आयोजनों में लेकर जाएं, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें। खेलकूद के लिए प्रेरित करें व बच्चों को पढ़ने के लिए न्यूज पेपर दें। जिससे उनकी भाषा पर पकड मजबूत होगी। इसके साथ ही उन्हें उनकी रूचि के अनुसार किताबें पढ़ने दें। बच्चों के साथ खेल खेल में समय बिताएं व उन्हें फिजिकली सपोर्ट करें।
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