आफत की बारिश : तेंगवा एवं माड़ापानी में ओले के कारण किसानों की फसल हो गई बर्वाद
किसानों के हाथों में आई निराशा
तेंगवा एवं माड़ापानी में ओले के कारण किसानों की फसल हो गई बर्वाद
प्रकृति का कहर बरपने की वजह से किसानों पर फिर आफत की घड़ी आ गई है। हालात यह रही कि बारिश के साथ ओले गिरने की वजह से कई गांव में किसानों की फसल बर्वाद हो गई है। इसी तारतम्य में हर जगह शिकायतें फसल नुकसानी को लेकर मिल रही है। राजस्व अमले अभी तक कुछ जगह गए लेकिन अधिकतर जगह जाना भी उचित नहीं समझ रहे हैं। फसल नुकसानी का किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने भी आदेश दिए हैं इसके बाद भी अभी संबंधित हल्का पटवारी हीलाहवाली कर रहे हैं। यही हालात तेंगवा एवं माड़ापानी में भी बनी हुई है यहां प्रकृति ने ओले का कहर किसानों के ऊपर वरपाया है जिससे किसानों की मेहनत में पानी फिर गया है।
यही हालात कई गांवों में है लेकिन तेंगवा एवं माड़ापानी में सर्वाधिक फसल की नुकसानी हुई है। जानकारी मिलने पर कलेक्टर साकेत मालवीय खुद तेंगवा ग्राम पंचायत में राजस्व अमले के साथ गए थे। उन्होने आश्वस्त कराया है कि किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा जो फसल नुकसानी हुई है उसका सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलाई जाएगी। ऐसे में अब देखना है कि राजस्व अमला क्या पहल करती है।
किसान आज टूट चुके हैं जिनकी मेहनत की कमाई में प्रकृति कहर बरपा दिया है जिस वजह से किसान काफी परेशान हैं। अब देखना है कि राजस्व अमला इस मामले में किसानों पर क्या हमदर्दी करते हैं। सही रूप से फसल नुकसानी को लेकर वह मुआवजा दिलाने की पहल करेंगे तो किसानों के खेत में ओला से हुई नुकसानी से उन्हे कुछ ढांढ़स बधेगा अन्यथा स्थिति यह है कि किसानों के दिल में क्या बीत रहा होगा यह तो किसानों की दर्द ही जानेगा। तेंगवा एवं माड़ापानी सहित अन्य गांवों में भी चना, गेहूं, राई, मसूर, अरहर, अलसी सहित अन्य फसलों को नुकसानी पहुंची है।
किसान हो गए तबाह मिलना चाहिए उचित मुआवजा : विपिन
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इस संबंध में तेंगवा एवं माड़ापानी में करीब 13 एकड़ में किसानी का काम करने वाले विपिन सिंह चौहान ने कहा कि प्रकृति का कहर किसानों पर बरपा है। आज हालात यह है कि किसान तबाह हो गए हैं। उन्होने कहा कि कलेक्टर साकेत मालवीय से किसानों को उम्मीद है कि उनके मार्फत राजस्व अमले को निर्देशित कर किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। जिससे कि किसान जो अब टूट चुके हैं उनकी फसल नष्ट हो चुकी है उन्हे मुआवजा मिलेगा तो आर्थिक तंगी से बच सकते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि मेरी फसल भी बर्वाद हो गई है मैने दोनों पंचायत में 13 एकड़ में खेती का काम किए थे जिसमें कि गेहूं, चना, राई, मसूर, अरहर एवं अलसी की खेती का काम करवाए थे। पूरी फसल खेत में नष्ट हो गई है। इतने बड़े ओले पडऩे की वजह से खेत में फसले गिरकर नष्ट हो गई है।
उम्मीद है कि राजस्व अमले इस मामले में पहल कर उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। मालुम हो कि इन दोनों पंचायतों में विपिन सिंह चौहान पिता गुलाब सिंह निवासी नौढिय़ा का खेती कारोवार किया गया था। जहां कि फसल नष्ट होने के बाद विपिन के आंखों में भी आंसू देखने को मिल रहा है। ऐसे में अब प्रशासनिक अमला उचित मुआवजा दिलाएंगे तों किसानों के चेहरे में खुशी देखने को मिल सकती है अन्यथा खेतों में नष्ट हो गई फसल से किसान तबाह हो गए हैं।
हर जगह फसल नुकसानी की मिल रही शिकायतें, राजस्व अमला अभी भी नहीं है सजग
जिले में बारिश के साथ ओले पडऩे की वजह से हर ब्लाक अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसल बर्वाद हुई है लेकिन राजस्व अमला अभी भी किसानों की फसल नुकसानी को लेकर जाना उचित नहीं समझ रहे हैं। हल्का पटवारी घर बैठे चढ़ोत्तरी के हिसाब से काम करना शुरू कर दिए हैं लेकिन मौके पर जाना उचित नहीं समझ रहे हैं। जिले के सिहावल, कुसमी, मझौली, चुरहट सहित सीधी ब्लाक में भी यह स्थितियां देखने को मिल रही हैं। मुख्यमंत्री के आदेश का पालन न होने से किसानों में नाराजगी कम नहीं देखने को मिल रही है।