मैरिज गार्डनों की मनमानी : सख्त हिदायद के बाद भी नहीं लग रहा विराम
पार्किंग की बढ़ी समस्या, देर रात तक हाई स्पीड बजता हैं डीजे
मैरिज गार्डनों की मनमानी : सख्त हिदायद के बाद भी नहीं लग रहा विराम
– पार्किंग की बढ़ी समस्या, देर रात तक हाई स्पीड बजता हैं डीजे
जिले भर में शादियों का सीजन अब फिर से शुरू हो गया है। लिहाजा मैरिज गार्डनों में फिर से भीड़ उमडने लगी है। वहां पार्किंग की व्यवस्था न होने से सडक़ पर वाहन पार्क होगें और जाम लगते दिखाई दे रहे है। देर रात तक मैरिज गार्डन के आसपास फुल स्पीड डीजे बजने से परीक्षा के इस दौर में विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर में दर्जन भर से ज्यादा मैरिज गार्डन है, जहां कचरा प्रबंधन तक का इंतजाम नही है। मैरिज गार्डनों की संख्या शहर की मुख्य सडक़ और रिहायशी कालोनी में सबसे ज्यादा बढ़ रही है। यदि प्रशासन ने अभी से ही इन मैरिज गार्डन संचालक को नियमों का पालन कराने के प्रति सख्त हिदायत नही दी तो फिर से जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक आम जनता की सुविधा के लिए बनाए गए नियम कानून का पालन कराने के प्रति जिम्मेदार विभाग सहित प्रशासन कतई गंभीर नही है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि शहर में करीब दर्जन भर से ज्यादा मैरिज गार्डन संचालित है जिनमें से एक का भी नगर पालिका में रजिस्टर्ड नही किया गया है। शहर में करीब एक दर्जन से अधिक विवाह घर संचालित हो रहे हैं।
इन विवाह घर संचालकों द्वारा नियमानुसार नगर पालिका में पंजीयन तक नहीं कराया है। सिंगरौली रोड, रीवा रोड में जहां मेन रोड के किनारे विवाह घर संचालित हो रहे है। कमर्जी रोड व शहर के आसपास बगैर पार्किंग के मैरिज हाउस परेशान का कारण बनते हैं। विवाह लग्न शुरू होते ही यहां पर पूरी-पूरी रात जाम की स्थिति बनती है। इसके बाद भी इन मैरिज हाउस संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
अधिकांश विवाह घरों के आसपास रहने वाले लोग इस बात को लेकर काफी परेशान हैं कि शादियां शुरू होते ही विवाह घरों से भोजन सडने के बाद जो बदबू उठती है उसके कारण सांस लेना तक मुश्किल होता है। किसी भी मैरिज हाउस में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है। अधिकांश में नालियों में ही सड़ा.गला भोजन डाला जाता है इससे बदबू उठती है। मैरिज हाउस संचालक सफाई कर्मचारी तक नहीं रखे हुए हैं।
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निर्धारित प्रमुख मानक
मैरिज गार्डन के संचालन के लिए शासन द्वारा प्रमुख मानक निर्धारित किए गए हैं। जिनमें जी-1 स्टोरी भवन होना चाहिए। भवन खुले में होना चाहिए। फायर एक्स्टींग्यूशर और बालू की बल्टी के अलावा पानी का स्थायी इंतजाम होना चाहिए। सामने 24 मीटर यानी 80 फिट चौड़ी सडक़ होना आवश्यक है।
मैरिज हॉल के सामने की चौड़ाई अस्सी मीटर होनी चाहिए। साठ फीसदी क्षेत्रफल खुला रहना चाहिए, जिसमें पार्किंग की व्यवस्था हो। कवर इलाके के 12 मीटर आगे व साढ़े चार मीटर दोनों साइड में खुला हो। कचरा प्रबंधन के उचित इंतजाम होना चाहिए। भवन बनाने के समय ही मानकों को पूरा किया जाना चाहिए न फायर एनओसीएन पंजियन और न ही कचरा प्रबंधन।
शर्त का पूरा होना आवश्यक
विवाह घर पंजीयन के लिए कुछ जरूरी शर्तें तय की गई हैं। इसके अनुसार विवाह स्थल के चारों और सुरक्षा संबंधी प्रबंध किए जाएंगे। विवाह स्थल पर विहित अग्निशमन प्रणाली लगवाया जाना आवश्यक होगा।
अनुज्ञप्ति जारी होने के बाद अग्नीशमन प्रणाली विहित मापदंड के अनुसार नहीं पाई जाती है तो नपा के प्राधिकृत अधिकारी को पंजीयन निरस्त करने का अधिकार होगा। विवाह स्थल के कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा सुविधाजनक पार्किंग के लिए चिन्हित करना होगा। उस क्षेत्र को बैरीकेड्स लगाकर अलग से पार्किंग के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।
महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करनी होगी। विवाह स्थल पर जनरेटर सेट इस तरह लगाने होंगे कि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो और प्रदूषण न फैले। सीढ़ी के अतिरिक्त नेशनल बिल्डिंग कोड के प्रावधानों के अनुसार लिफ्ट व रैंप की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।
शहर में संचालित होने वाले अवैध मैरिज गार्डनों में नगर पालिका सीएमओ द्वारा विगत माह नोटिस जारी कर जबाव तलब किया था। लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही की गई है।