Property laws for womens : संपत्ति में महिलाओं का भी होता है अधिकार जाने पूरी जानकारी
महिलाओं के हक और उनके कानून के बारे में जाने पूरी जानकारी
हमारे देश में शुरू से ही पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव देखा जा सकता है लेकिन संविधान में दोनों को ही समान अधिकार दिए गए हैं हालांकि पहले इन कानून को लोगों के द्वारा नहीं माना जाता था लेकिन समय के साथ इन अधिकारों और कानूनी को भी अपनाया गया भारतीय हिंदू परिवार में पहले विरासत मे मिली संपत्ति केवल पुत्रों के बीच ही बटवारा किया जाता था लेकिन महिलाओं को भी हिंदू विरासत कानून में अधिकार दिए गए और बेटी तथा पत्नी को भी कुछ राहत के साथ उनका भी हक दिया गया
संपत्ति से जुड़ी कुछ कानून हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 तथा हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के अधिनियम के अंतर्गत आता है इसके अलावा मुस्लिम और लो भी महिलाओं को इस प्रकार के कानून के समर्थन में है
महिलाओं की हक से मिला उनको राहत
महिलाओं को जब से भारतीय संविधान ने उनके हक को देना शुरू कर दिया है तो अब वह किसी के आश्रित नहीं रहती हैं और उनका स्वयं का ख्याल रखने के लिए सामने आयी है
हिंदू कानून के तहत महिलाओं को संपत्ति विरासत कानून पुरुषों के बराबर अधिकार दिया गया है अभी भी हमारे देश में हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए लागू विरासत कानून है
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बेटी की संपत्ति का अधिकार बेटी और बेटे दोनों में ही संपत्ति का बंटवारा और समान रूप से किया जाएगा विवाहित बेटी विधवा तलाकशुदा या पति द्वारा छोड़े जाने पर माता-पिता के घर में रहने का हक माग कर सकते हैं बेटी ऐसी किसी भी संपत्ति पर पूरा अधिकार होता है
पत्नी का अधिकार
हिंदू उत्तराधिकार कानून अधिनियम के अनुसार विवाहित महिलाओं का भी अपने पति पर उतना ही हक है जितना कि बच्चों का होता है अतः हिंदू विभाजित परिवार के मामले में वह अपने पति तथा उसके परिवार की रहने की लिए जगह किसी तरह की मदद यानी खर्चों के लिए पैसों की मांग कर सकती है इस पर उसका पूरा हक होता है