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दोषी पाये जाने के बाद भी अकाउंटेंट नामदेव को अभयदान

तीन माह बाद कार्रवाई की नहीं उठा पा रहे जहमत-आखिर भ्रष्टाचारियों पर क्यों नही हो पा रही कार्रवाई

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संवाददाता अविनय शुक्ला 

 

जिले में पांच माह पूर्व राज्य शिक्षा केन्द्र में लाखो का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था जिसको लेकर साहबानों ने दो-दो टीमों का गठन किया गया। एक टीम जिला पंचायत सीईओ व दूसरी टीम जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये गए थे जांच पूरी होने के बाद अकाउंटेट को दोषी पाया गया था लेकिन आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही की गई है।

 

उल्लेखनीय है कि शासकीय स्कूलों में आवश्यक सामग्री की खरीद-फरोख्त सहित आवश्यक कार्य के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा बजट उपलब्ध कराने के साथ ही उसे खर्च करने के लिए बनाए गए डीजीजीओव्ही पोर्टल में फर्जीवाड़ा कर लाखों का घोटाला करने वाले कर्मचारी पर अधिकारी मेहरबान हैं। कर्मचारी द्वारा जांच समिति के सामने

 

इसकी स्वीकारोक्ति की गई थी, जिसपर जांच समिति ने बर्खास्तगी का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया था, बावजूद इसके कर्मचारी पर आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी। बता दें कि स्कूलों के प्राचार्यों और प्रधानाध्यापकों को भनक तक नहीं लगी और उनका आईडी पासवर्ड विभाग के कर्मचारी द्वारा उपयोग कर लाखों रुपए वेंडर को भुगतान कर दिया गया था। जब पोर्टल से राशि गायब हो गई तो प्राचार्यों और प्रधानाध्यापकों को इसकी जानकारी

 

हुई। मामले की शिकायत की गई तो तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ राहुल नामदेव धोटे द्वारा आनन-फानन में जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच में जिले की 17 स्कूलों से 7 लाख 4 हजार रुपये फर्जी तरीके से भुगतान करने का मामला उजागर हुआ था। बीते नवंबर माह में डीजी जीओव्ही पोर्टल में फर्जीवाड़ा करते हुए राशि आहरण का खेल किया गया था।

 

एकाउंटेट पर लटकी तलवार सूत्रों द्वारा बताया गया कि जांच में पूरे मामले का दोषी कार्यालय जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र सीधी में पदस्थ संविदा अकाउंटेंट नीलेश नामदेव को पाया गया था। उसके द्वारा समिति के समक्ष पूरा घोटाला स्वीकार भी किया गया था। जांच समिति ने संबंधित कर्मचारी को बर्खास्त किये जाने का प्रस्ताव तैयार कर तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ राहुल नामदेव धोटे को सौंप दिया था। लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं की गई। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में और भी कर्मचारी व अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है बावजूद इसके संविदा एकाउंटेट पर कार्रवाई की तलवार लटका दी गई है।

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