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कीचड़ और फिसलन भरी राह दे रही दर्द

कई बार हुई शिकायत लेकिन नहीं बदले हालात-मझौली जनपद के ग्राम पंचायत नदहा के सोनवर्षा का मामला

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जरा

 

संभलकर ग्राम पंचायत नदहा के

 

सोनवर्षा गांव की कीचड़ और

 

फिसलन भरी राह आपको अस्पताल

 

पहुंचा सकती है। पैदल और दोपहिया वाहन इस रास्ते से चलना आसान नहीं है। यहां कीचड़ और फिसलन के चलते निकलना दूभर हो गया है। कई ग्रामीण फिसलकर घायल होने के चलते वह रास्ते से गुजरने से डरते हैं। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली है। बता दें कि श्रीराम मंदिर से हीरा नामदेव के घर तक जाने वाली आधा किलोमीटर की सड़क लंबे समय से बदहाल है। इससे बारिश में अब पैदल चलना भी मुश्किल है। नदहा पंचायत में आने वाले इस रास्ते को बनवाने के लिए लंबे समय से ग्रामीण मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसे बनवाए जाने को लेकर कोई प्लान तैयार नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने पर उनको गांव में ही रहना पड़ता है। कच्ची सड़क पर बारिश के दिनों में पैदल तो छोड़िए ट्रैक्टर को निकालने में परेशानी आती है। मोटर साइकिल तो निकल ही नहीं पाती। घुटने-घुटने कीचड़ भरी सड़क में पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। किसान भी खेत पर नहीं जा पा रहे हैं। खेतों तक खाद बीज भी किसान नहीं ले पा रहा है। ग्रामीण कहना है कि इस सड़कको किसी भी योजना में शामिल कर प्रशासन को बना देना चाहिए। जिससे समस्या का समाधान हो सके। बरसात के मौसम में ग्राम सोनवर्षा की सड़क कीचड़ और पानी के कारण नहर बन जाती हैं, यहां के लोगों को यदि किसी काम से बाहर जाना होता है, तो उन्हें घुटनों तक अपने पेंट को ऊपर करना पड़ता है, जूते और चप्पल हाथ में लेकर

 

सामान को कंधे और सिर पर रखकर पैदल निकलना पड़ता है, यदि मरीज बीमार पड़ जाए तो उसे ट्रैक्टर से या फिर चारपाई पर रखकर चार लोग गांव के बाहर ले जाते हैं, यह हाल उस हकीकत को बयां कर रहा है, जहां पर देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तो पहुंच गया है, लेकिन प्रशासन की नजरें संभावतः इस गांव तक नहीं पहुंची है।

 

तीन हजार की है आबादी

 

मझौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत नदहा के ग्राम सोनवर्षा में जहां 3 हजार से ज्यादा लोग निवास करते है और उन्हें इस जलमग्न रास्ते से गुजरना पड़ता है यह समस्या विगत 5-6 वर्षों से बनी हुई है यहां की जनता, छोटे बड़े बुजर्ग सबको इस रास्ते से ही गुजरना पड़ता है रात में जहरीले कीड़ों का भी सामना करना पड़ता है इसके बारे में शासन प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से कई बार सूचना दी गयी लेकिन आज तक स्थिती जस की तस बनी हुई है।

 

इनका कहना-

 

सोनवर्षा गांव में सड़क न बनने का सबसे बड़ा कारण यह है कि उक्त भूमि निजी है जिसके कारण यहां पर सड़क नहीं बन पाई है। अगर वहां के लोगों द्वारा उक्त भूमि का त्यजन करा दिया जाय तो जल्द ही पक्की सड़क बन जायेगी।

 

एसएन द्विवेदी

 

सीईओ जनपद पंचायत मझौली

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