सोन नदी के जोगदहा घाट में हुई वारदात, पति को निकाला बाहर, पत्नी लापता
आपसी विवाद के कारण नदी में महिला ने लगाई थी छलांग
सोन नदी के जोगदहा घाट में बाईक से जा रहे पति-पत्नी पुल के बीच में रुके और उनके बीच हो रही कहासुनी के बीच अचानक पत्नी ने पुत्ल से नीचे छलांग लगा दी। पत्नी को बचाने के लिए आनन-फानन में पति ने भी छलांग लगा दिया। पुल से गुजर रहे लोगों ने जब यह नजारा देखा तो उनके द्वारा तत्काल अमिलिया एवं बहरी थाना पुलिस को इसकी सूचना दी। कुछ समय के अंदर ही अमिलिया एवं बहरी पुलिस का अमला पुल के ऊपर पहुंच गया। इसके बाद पुल के नीचे सर्चिग का काम शुरू कराया गया। किसी तरह पानी के तेज बहाव में फंसे पति को बाहर निकाल लिया गया लेकिन पत्नी का कोई पता नहीं चला। मिली जानकारी के अनुसार बहरी थाना अंतर्गत ग्राम देवरी निवासी पुष्पा कोल उम्र 24 वर्ष रक्षाबंधन के त्यौहार पर अपने मायके सिहावल गई थी।
मंगलवार की शाम वह अपने पति मदन कोल के साथ मायके से बाईक पर सवार होकर अपने गृह ग्राम देवरी लौट रही थी। अमिलिया के आगे सोन नदी जोगदहा पुल पर शाम करीब 6:30 बजे बाईक के पहुंचते ही पतिपत्नी उतरे। उनके बीच काफी कहासुनी हो रही थी। अचानक पुष्पा कोल ने पुल के नीचे पानी में छलांग लगा दी। पत्नी को बचाने के लिए मदन कोल ने भी पानी में छलांग लगा दी।
कुछ समय बाद सूचना मिलने पर अमिलिया एवं बहरी थाना पुलिस भी पुल पर पहुंच गई। अंधेरा फैल जाने के कारण पुलिस कर्मी भी पुल के नीचेजाकर पानी में छलांग लगाने वाले पति-पत्नी की तलाश के लिए आवाज दे रहे थे। उसी दौरान पानी के तेज बहाव के बीच से मदन कोल बाहर निकल आया लेकिन पुष्पा कोल का कोई रता पता नहीं था। रात का अंधेरा गहरा जाने के कारण यह निर्णय लिया गया कि आज बुधवार की सुबह लापता पुष्पा कोल की सर्चिग का काम शुरू कियाजाएगा।
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आज सुबह एसडीई आरएफ एवं होम गार्ड जवानों की टीम सोन नदी जोगदहा पुल के नीचे पहुंची और लापता पुष्पा कोल की सर्चिग का काम शुरू किया गया। इस दौरान अमिलिया थाना प्रभारी राजेश पाण्डेय भी अपने दल-बल के साथ मौके पर डटे हुए थे। साथ ही पति-पत्नी के मायके एवं ससुराल पक्ष से भी सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच कर चल रही टीमों की सर्चिग के दौरान सुबह से मौजूद रहे।
इनका कहना है
आज सुबह करीब 6 बजे से सोन नदी के जोगदहा पुल के समीप से पानी के बहाव में बही महिला की सचिंग का काम पूरी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है। सर्चिग के काम में सबसे बड़ी बाधा सोन नदी में जगह- जगह मौजूद नुकीली चट्टानें हैं। जिसके चलते मोटर बोट का उपयोग कर पाना भी सभी जगह संभव नहीं हो पा रहा है। दोपहर तक ही पुल के आगे करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में सर्चिग का काम पूर्ण कर लिया गया था। यह सिलसिला जारी है।
मयंक तिवारी, प्लाटून कमांडर एसडीई आरएफ