जिला प्रशासन कर रहा हादसों का इंतजार, शहर में एक दर्जन से अधिक मकान हैं जर्जर
नगर पालिका एवं पीडब्ल्यूडी के बीच फंसी कार्यवाही की पेंच
जीर्ण शीर्ण भवनों के धराशाई होने की खबरें लगातार
देश प्रदेश से आ रही है, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश भर के कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है लेकिन सीधी जिले में मुख्यमंत्री का यह आदेश भी महज कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। जबकि नगर पालिका परिषद सीधी अंर्तगत करीब एक दर्जन से अधिक जीर्ण शीर्ण भवन खतरनाक श्रेणी में हैं। बारिश के मौसम में इन भवनों के अचानक गिरने की आशंका बनी हुई है, लेकिन भवनों को धराशाई करने की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। अत्यंत जीर्ण-शीर्ण एवं खतरनाक स्थिति में होने के बावजूद भवनों को उपयोग में लिया जा रहा है, जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है। नगर पालिका परिषद सीधी ने बारिश पूर्व जून माह में निकाय क्षेत्र के अत्यंत जर्जर एवं खतरनाक भवनों के संबंध में सर्वे कराया था, जिसमें नपा क्षेत्र में आठ भवन इस श्रेणी में चिह्नित किए गए थे। संबंधित निजी भवनों की सूची कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को भेजते करते हुए भवनों को प्रमाणित कराए जाने की मांग की गई थी, ताकि संबंधित भवनों को गिराने की कार्रवाई प्रस्तावित की जा सके। लेकिन आज तक यह कार्यवाही लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण नहीं की जा सकी है। बता दें कि इन दिनों लगातार बारिश का दौर चल रहा है और इस बीच अगर कोई जीर्ण शीर्ण भवन धराशाई हो जाता है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा हैं।
लोक निर्माण विभाग में लटका प्रतिवेदन नगर पालिका परिषद सीधी ने लोक निर्माण विभाग
को 6 जून को पत्र लिखकर सात दिन के अंदर परीक्षणप्रतिवेदन उपलब्ध कराने की मांग की थी, ताकि खतरनाक जीर्ण शीर्ण भवनों के गिराने की कार्रवाई प्रस्तावित की जा सके।
नपा के अधिकारियों के अनुसार अभी तक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं हो पाने से अग्रिम कार्रवाई नहीं हो पा रही है। सात दिन के भीतर प्रतिवेदन देने की मांग
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पर सात सप्ताह बीत गए और आज तक लोक निर्माण
विभाग द्वारा प्रतिवेदन नहीं दिया गया।
यह मकान हैं काफी जर्जर
नगर पालिका परिषद सीधी द्वारा कराए गए सर्वे अनुसार सीधी शहर में जीर्ण-शीर्ण खतरनाक भवनों को चिन्हित किया गया है उसमें पवन पिता रामखेलावन कचेर आजाद नगर वार्ड-14, कुसुमकली पति तीरथ प्रसाद गुप्ता आजाद नगर वार्ड-14, घनश्याम पिता रामेश्वर सिंह आजाद नगर वार्ड-14, आवड़ पिता हिंछलाल केवट आजाद नगर वार्ड-14, बाबूलाल पिता विभूति गुप्ता आजाद नगर वार्ड-14, वार्ड-21
रामेश्वर सिंह आजाद नगर वार्ड-14, आवड़ पिता हिंछलाल केवट आजाद नगर वार्ड-14, बाबूलाल पिता विभूति गुप्ता आजाद नगर वार्ड-14, वार्ड-21 श्मसान घाट मार्ग में स्थित खाली मकान, राजमणि पिता लच्छू कोल वार्ड-20 डैनिहा का खाली मकान तथा शहर के कोतवाली मार्ग वार्ड-6 स्थित राम सिंह, श्याम सिंह, अभिराम सिंह कचुर्ली का मित्र निवास लॉज शामिल है। खास बात यह है कि इन मकानों को जिन्हें डिस्मेंटल करने का आदेश तत्कालीन एसडीएम शैलेन्द्र सिंह द्वारा दिया गया था लेकिन तब से अब तक कई एसडीएम बदल गए और एक पर भी कार्यवाही नहीं हुई।