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10-20 रुपए ही तो लिए हैं, यह सोचकर रोज लुटते हैं गरीब

आधार सुधार, जाति प्रमाण-पत्र, सीमांकन और नामांतरण के आवेदनों में अधिक फीस वसूली

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अरे 20 रुपए ही तो ज्यादा माँग रहा है, दे दो वरना भटकते रहेंगे, यह कहना था आनलाइन दुकान में काम करवाने आई एक महिला का जिसे अपने आधार कार्ड के नाम में सुधार कराना था। इसी प्रकार एक अन्य व्यक्ति का कहना था कि एक ही दिन में प्रमाण-पत्र चाहिए तो 50 रुपए अतिरिक्त माँग रहा है और यदि आज नहीं मिला तो आने-जाने में ही 100 से 150 रुपए खर्च हो जाएँगे, इसलिए 50 रुपए देना बेहतर रहेगा।

 

अब सोचने वाली बात यह है कि आधार कार्ड में अपडेशन के 100 रुपए लिए जाते हैं लेकिन चेहरा देखकर इसमें राशि बदलती रहती है। दिन-भर की यह राशि जोड़ी जाए तो जमकर कमाई होती है। वहीं जाति प्रमाण-पत्र समाधान एक दिवस में कुछ ही घंटों के अंदर देना होता है लेकिन उसके लिए भी अलग सेराशि माँगी जा रही है।

 

सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए तरह-तरह के दस्तावेज, अपडेशन, लिंक कराना, ई-केवायसी आदि से लोग परेशान हो चुके हैं। एक ही दस्तावेज को कुछ साल बाद पुराना मान लिया जाता है और उसे अपडेट कराने की बात कही जाती है। कुल मिलाकर एमपी ऑनलाइन, आधार केन्द्र और कॉमन सर्विस सेंटर में लोगों को ठगने, परेशान करने के लिएकई तरीके अपनाए जा रहे हैं। मान लो लोक सेवा केन्द्र में विवाह पंजीयन के लिए 70 रुपए की फीस निर्धारित है, लेकिन आवेदक को यह बोलकर अधिक रुपए माँग लिए जाते हैं कि जल्दी हो जाएगा और कोई बाधा भी नहीं आएगी, वरना फॉर्म रिजेक्ट जैसी प्रक्रियाएँ भी हैं।

 

600 सेवाएँ देता है एमपी ऑनलाइन

 

दरअसल सेवाओं के प्रदाता भी अलग-

 

अलग हैं। जिस प्रकार आधार कार्ड के लिए

 

कलेक्ट्रेट का आधार सेंटर है उसी प्रकार यह

 

कार्य लोक सेवा केन्द्र, बैंक, पोस्ट ऑफिस और

 

महिला एवं बाल विकास केन्द्रों में भी होता है। लोकसेवा केन्द्र में मूल निवासी, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, जन्म- मृत्यु, शस्त्र गरीबी सूची के नाम, सीमांकन, नामांतरण, नजूल अनापत्ति और पेंशन प्रकरण आदि के कार्य होते है। वहीं एमपी ऑनलाइन में करीब 600 प्रकार के कार्य होते हैं। शिक्षा से लेकर बिजली बिल तक एमपी ऑनलाइन के जरिए भरा जाता है।

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