परिजनों को सौपे 11 मृतकों के शव
डीएनए रिपोर्ट मिल जाने के बाद आज सुबह की गई कार्यवाही
अभी हाल ही में आरोन रोड पर सामने
आए सड़क हादसे में जल जाने के कारण काल कवलित हुए रोष 11 मृतकों के शव आज सुबह उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिए जाने का समाचार है। हैरत की बात यह है कि हादसे से पीड़ित मृतकों के परिजनों को यह शव लेने के लिए भी जबरिया परेशान होना पड़ा है, जिन्हें कि पहले इसके लिए रात्रि में ही बुला लिया गया, लेकिन शव नहीं दिए
गए। इसके बाद आज सुबह इन सभी परिजनों को सौंप दिए गए।
लेखनीय है कि विगत 27 दिसंबर की रात में गुना से आरोन के लिए रवाना हुई सिकरवार यस सर्विस की यात्री यस सेमरी मंदिर कटी पाटी के पास एक डंपर से भीड़ गई थी। इस भिड़ंत के बाद यस में आग लग जाने से उसमें सवार 13 पात्री जिंदा जल गए थे, जिनकी मौत हो गई थी। जबकि उक्त दुर्घटना में 16 मात्री घायल हो गए थे, जो कि
जिला चिकित्सालय में उपचारत है। इसके बाद दो मृतकों की शिनाख्ती हो जाने पर उनके शव परिजनों को विगत दिवस ही सीप दिए गए थे। वहीं दुर्घटना में मृतकों के शव पूरी तरह जल जाने के कारण उनकी शिनाख्ती संभव नहीं थी और इसीलिए उनके शवों के कुछ अवशेष डीएनए जांच के लिए भेजे गए थे।
जांच कर डीएनए मिलान के कार्य को ग्वालियर क फोरेंसिक लैब में प्राथमिकता से लेते हुए जांच कार्य तेजी से कराया गया। जिसके लिए लैब के कर्मचारियों के शनिवार च रविवारीय अवकाश को भी निरस्त कर ड्यूटी पर बुलाया गया था।
तेजी से किए गए कार्य के चाद ही अंतत: डीएनए मिलान का कार्य बीती रात पूरा हो जाने के बाद डीएनए रिपोर्ट गुना पुलिस को मिल गई थी और इसी को देखते हुए मृतकों के परिजनों को बीती रात हो शय सौंपने का हवाला देते हुए जिला चिकित्सालय बुलवा लिया गया था, लेकिन रात्रि में उन्हें शव नहीं सौंपे गए और काम सुचह के लिए टाल दिया गया था।
इसके बाद आज सुबह दुर्घटना के 11 मृतकों के शव स्थानीय जिला चिकित्सालय में उनके परिजनों को सौंप दिए गए। इस दौरान प्रशासन व पुलिस की ओर से मौजूद अधिकारियों की देखरेख में कार्यवाही पूरी की गई। मायने हादसे से पीड़ित परिजनों को मृतकों के शव लेने के लिए भी जबरिया परेशान होना पड़ा है।