जिसकी तेरहवी की वह 15 साल बाद जीवित मिला, अब परिजन लेने जायेगें जमशेदपुर
बालाघाट में संरक्षित जनजाति बैगा समुदाय से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया हैं जिसमें ब्रजलाल नामक बैगा युवक मजदूरी करने जाने के दौरान अचानक ही लापता हो गया था। जिसके 15 साल बाद जीवित होने की खबर परिजनों को मिली तो उनमें खुशी का माहौल हैं। अब परिजन ब्रजलाल को अपने घर लेकर आने के लिये उत्सुक हैं।
जानकारी में आया कि ब्रजलाल बैगा बालाघाट की नक्सलप्रभावित पुलिस चौकी पाथरी के ग्राम पंचायत लहंगाकन्हार के सोमटोला का रहने वाला हैं। जो अपने गांव के कुछ लोगों के साथ 15 साल पहले मजदूरी करने के लिये नागपुर महाराष्ट्र चले गया था। लेकिन कुछ दिनों काम करने के पश्चात वह भटक गया था।
ब्रजलाल ग्रामीण परिवेश का होने से उसे ज्यादा समझदारी नहीं थी। जिसके चलते वह इतने दिनों तक केरल,छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मसूर सहित अन्य जगह भटकते हुये झारखंड के जमशेदपुर में बीमार हालत में भटक रहा था। जिसे वहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सहारा देते हुये उसकी तमाम व्यवस्था की। वही लम्बे अवधि तक नहीं आने से परिजन उसकी मौत हो जाने की सम्भावना जताते हुए तेरहवी कर लिए थे.
इस बीच पिछले 8 महीने से वह रहते हुये कुछ बोलने में समर्थ हुआ तब उसके बताये अनुसार उन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आदिवासी समाज के सामाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। अब उसकी पुष्टि होने पर परिजनों में खुशी का माहौल हैं। परिजन आवश्यक दस्तावेजी कार्यवाही के साथ ब्रजलाल को लेने के लिये जमशेदपुर जाने वाले हैं।
भुवनसिंह कोर्राम अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज बालाघाट