संवाददाता अनिल शर्मा
Sidhi. मध्य प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ने के लिए सरकार द्वारा लगातार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि गरीबों पिछड़ों एवं निरक्षर लोगों को पढ़ा लिखा कर शिक्षित किया जा सके, जिससे कि वह राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें। इसके लिए सरकार द्वारा विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने हेतु उच्च गुणवत्ता वाले संसाधनों के साथ विद्यालय एवं महाविद्यालय जगह-जगह पर बनाए जा रहे हैं और उनके रहने खाने की व्यवस्था करने हेतु छात्रावास भी बनाए जाते हैं; जहां छात्रावास में छात्र रुकते हैं और वहां रहकर विद्या अध्ययन करते हैं। परंतु! छात्रावास में रहने वाले छात्रों को जिल्लत भरा जीवन जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी होना पड़ता है।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें “आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास सीधी क्रमांक 2” में छात्रावास अधीक्षक के द्वारा छात्रों के प्रति हीन भावना रखी जाती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रों से प्रतिदिन छात्रावास में झाड़ू पोछा लगवाया जाता है, इसके साथ ही उन्हें भोजन के उपरांत अपनी थाली स्वयं धोनी पड़ती है। जबकि छात्रावास में इसके लिए कर्मचारी रखे गए हैं। छात्रावास अधीक्षक के द्वारा आए दिन दबंगई करते हुए छात्रों से ही छात्रावास के सारे कार्य कराए जाते हैं।
सीधी जिले के आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास सीधी क्रमांक 2 के वायरल वीडियो में एक नाबालिक छात्र स्वयं के भोजन की थाली धोता नजर आ रहा है, और यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हो रहा है। अपने घर से दूर रह रहे आदिवासी छात्रों को आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास में अपमानजनक जीवन जीते हुए अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि छात्रावास अधीक्षक पर कोई कार्रवाई होती है या फिर छात्रावास अधीक्षक की दबंगई ऐसे ही चलती रहेगी।