सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन में इस समय चारों तरफ गंदगी का आलम है। मरीज तो दवा करने जाते हैं लेकिन उन्हें दवा के रूप में और बीमारी मिलती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस समय डॉक्टर की उपलब्धता तो कागज में है लेकिन धरातल में मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते। बेएमओ स्वयं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सप्ताह में एक बार आती हैं, उनका मुख्यालय सीधी है। मरीज को इतनी समस्या हो रही है की कोई देखने वाला नहीं है और मरीजों की व्यथा भी सुनने वाला नहीं। भारी भरकम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन वर्तमान में कोई सुनने को तैयार नहीं है। समुदायक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर रहते नहींऔर क्षेत्र में जितने भी सीएससी सेंटर है वहां से सभी डॉक्टरों को रामपुर नैकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अटैच किया गया है। डॉ. सीएससी केंद्र में भी नही रहते कोई डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी नहीं रहते। मरीजो का इलाजनहीं हो पा रहा है। जितने भी डॉक्टर है वह नाम मात्र के स्वस्थ्य केंद्र जाते है। सभी डॉक्टर अपनी स्वयं को क्लीनिक खोलकर फीस लेकर उनका अपने कमरे में इलाज करते है। उनका कहना है कि जब बीएमओ ही नहीं रहती तो हम लोगरहकर क्या करेंगे। इस संबंध में जब मरीज से बात हुई तो मरीज कहते हैं कि दो-चार दिन भर्ती रहते हैं जब कोई इलाज नहीं हो पाता तो इसके बाद बिना छुट्टी के घर चले जाते हैं और कहीं दूसरी जगह इलाज के लिए जाना पड़ता है।
मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे बंगाली डॉक्टर
रामपुर नैकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थितियों पर गौर करें तो बहुत ही खराब हो गई है। उनासे अच्छा तो अब झोलाछाप बंगालियों की बल्ले-बले है। क्षेत्र में झोलाछाप बंगाली काफी डेरा जमाए हुए हैं। एक गाँव में दो-दो तीन-तीन कंगाली इस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक वरिष्ठ कर्मचारी के सह पर अपना व्यापार चल रहे हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रशासनिक अमला इतना सुस्त हो चुका है कि कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति तक नहीं किया जा रहा है। क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अब लोग जाने से परहेज करने लगे है।