आठम अपर सत्र न्यायालय से हुआ फैसला, 54 दिन कैद में रहा था अपहृत युवक

बहुचर्चित संत बहादुर अपहरण कांड के आरोपियों को आजीवन कारावास

रीवा के बहुचर्चित संत बहादुर सिंह अपहरण कांड में अभियुक्तों की न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। युवक का अपहरण कर आरोपियों ने फिरौती मांगी थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर फिरौती की रकम जब्त की थी।

 

गुढ़ थाने के मोहनिया घाटी के समीप से 23 जुलाई 2018 को बदमाशों ने सीधी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासी तेंदुआ गांव के संत बहादुर सिंह का उस समय अपहरण कर लिया था जब वे अपने फोरव्हीलर वाहन से गांव जा रहे थे। 24 जुलाई को उनका चाहन मिजापुर जिले में बरामद हुआ। दो दिन बाद आरोपियों ने परिजनों को फिरौती के लिए फोन किया था। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच की और 54 दिन बाद उनको अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करवाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से फिरौती में दिए गए 40 लाख रुपए भी बरामद हुए थे। पुलिस ने आरोपी बलिंदर सिंह निवासी औरंगाबाद बिहार, नारायण लोहार निवासी नानकनगर इंदौर, अजीत विश्वयकर्मा व संजू चंदेल को गिरफ्तार किया था।

 

पुलिस ने पूरे मामले की विवेचना की और आरोपियों के खिलाफ भौतिक साक्ष्य एकत्र कर चालान सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश के जागालय में प्रकरण की सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से पैरवी एडोपीओ अंजू पाण्डेय ने की। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और आरोपियों परअपराध सिद्ध पाया। न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।

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