डिजिटल इंडिया : इंटरनेट से नहीं जुड़ सकी ग्राम पंचायतें
– कनेक्शन न होने से पंचायतों के ऑप्टिकल फायबर सैटअप बॉक्स बनें शो-पीस
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया योजना जिले में दम तोड़ चुकी है। यहां ठेकेदारो की मनमानी के चलते पंचायतों में इंटरनेट चालू नहीं हो सका है। एक साल पहले जैसे-तैसे ऑप्टिकल फायबर व बाक्स लगाए गए थे, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन अभी तक नहीं हुए है। इसके चलते ने डिजिटल इंडिया का यह काम जिले में अधूरा ही रह गया है। इसको लेकर निर्माण एजेंसी और जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
बताया गया है कि केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को लेकर सीधी की पंचायतो को ई-सिस्टम से जोड़ा जाना है। यह काम चरणबद्ध वर्ष 2013 से शुरू किया गया है। पहले पंचायतो को ई-संसाधन उपलब्ध कराए गए। इसके बाद ठेकेदारों को ऑप्टिकल फायबर केबिल बिछाने का काम दिया गया है लेकिन ग्राम पंचायतों को हाईस्पीड इंटरनेट सेवा से जोडऩे की कवायद एक अरसा बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हुई है।
इसके चलते दूर-दराज के ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीण विकास सहित पंचायत संबंधी अन्य कामों के लिए ब्लॉक मुख्यालय आकर कियोस्क व सेवा केन्द्रों का सहारा लेना पड़ रहा है। पंचायतों में अधिकांश काम ऑनलाइन हो रहे है। हितग्राही मूलक कार्यों से लेकर पंचायतों के काम पोर्टल में दर्ज करना पड़ता है। यहां पेंशन से लेकर भुगतान भी ऑनलाइन हो गया है।
सभी पंचायतों में ई-कक्ष बनाने के साथ ही इन कक्षों में संचालित होने वाले कम्प्यूटर्स, प्रिंटर, टीवी और लैपटॉप दिए गए थे। ग्राम पंचायतों को ई.पंचायत बनाने के लिए कंम्प्यूटर, लैपटॉप, इनवर्टर, प्रिंटर और तमाम दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिए गए थे, लेकिन बिना इंटरनेट कनेक्शन सिर्फ कंप्यूटर, प्रिंटर आ जाने से ई-पंचायत की योजना ख्वाब से ज्यादा कुछ नहीं है। ग्राम पंचायत में रखे कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर वगैरह खराब हो गए तो कहीं चोरी हो गए।
कहीं अधिकारी या पंचायत के सदस्य ही उपकरण घर उठा ले गए। कई की वारंटी खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी पंचायतो में इंटरनेट पहुंचने की आस अभी खत्म नहीं हो रही है। नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क डिजिटल इंडिया बिछाई गई है। यहां करीब छह साल पहले शुरू किया गया। जिनमें केबल बिछाने के लिए करोडो खर्च कर दिए है लेकिन अभी एक भी पंचायत में इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है।
ग्राम पंचायतों तक केबल बिछाकर कनेक्शन किये जाने हैं। यहां सिर्फ केबल पहुंच पाई और सिस्टम लगा दिया गया है लेकिन नेटवर्क अभी भी चालू नहीं हुआ है। डिजिटल इंडिया के तहत ग्राम पंचायतों को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोडऩे के लिए अलग-अलग एजेंसी बनाई गई है। अन्य राज्यों में रेलटेल, बीएसएनएल, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के माध्यम से पंचायतों में नेटवर्क किया गया है।
यहां पूरे प्रदेश में बीएसएनएल को काम दिया गया है। जिसके द्वारा लापरवाही बरती गई है। पहले फेस के करोडो के टेंडर में ठेकेदार ने मनमानी से काम किया है। जिसकी लंबी शिकायते है। निर्धारित मापदंड का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया। यहां अफसरों ने भी बिना मॉनीटरिंग किए बिल निकाल दिए है। इंटरनेट नहीं होने के कारण इन संसाधनों का उपयोग सचिव, रोजगार सहायकों के द्वारा नहीं किया जा रहा है।
संबंधित सामग्री जिम्मेदारों के घर या फिर पंचायत में रखे-रखे खराब हो गए है। फिलहाल इंटरनेट सेवा से पंचायत संबंधी कामकाज के लिए सचिवों को मोबाइल नेट या नेटसटर का उपयोग करना पड़ता है। अन्य सेंटर इंटरनेट कैफे पर जाकर भी कई पंचायत सचिवों को काम करना पड़ रहा है। ऐसी सैकड़ो की संख्या में ग्राम पंचायते है जिनमें ऑनलाइन काम हो ही नहीं रहे। इससे कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी डिजिटल इंडिया के तहत पंचायतो के काम को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बीएसएनएल के माध्यम से ठेकेदारों को दिया गया था काम
सीधी जिले में डिजिटल इंडिया के तहत ग्राम पंचायतों तक आप्टिकल फाइबर बिछाने का काम बीएसएनएल के माध्यम से ठेकेदारों को दिया गया था। ऑप्टिकल फाईबर बिछाने का काम जिन ठेकेदारों ने किया उनकी मनमानी सुर्खियों में रही। जेसीबी मशीन के माध्यम से आप्टिकल फाइबर बिछाने का काम काफी लापरवाही पूर्वक किया गया है। एक से डेढ़ फीट गहराई में ही ऑप्टिकल फाइबर डाल देने से कई स्थानों पर यह बाहर से भी नजर आ रहे हैं।
बीएसएनएल के इंजीनियरों द्वारा ठेकेदारों से मोटा कमीशन वसूलकर कार्य का मूल्यांकन करने के साथ ही राशि भी जल्द से जल्द आहरण करानें में अपना पूरा सहयोग किया गया। जानकारों के अनुसार इसी वजह से सीधी जिले में भी आप्टिकल फाईबर बिछाने का काम लेने वाले कई छुटभइये ठेकेेदारों द्वारा आनन-फानन में जेसीबी मशीन भी खरीद ली गई। जिससे आप्टिकल फाईबर का काम जल्द से जल्द पूर्ण करानें में उन्हें पूरी मदद मिल सके।
सीधी जिले में आप्टिकल फाईबर बिछाने का काम लेने वाले ठेकेदारों की बल्ले.बल्ले रही। उनके द्वारा कुछ महीने के अंदर ही भारी कमाई की गई। आप्टिकल फाइबर बिछाने के काम से जुड़े लोगों ने जहां भारी कमाई की वहीं केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप सीधी जिले की ग्राम पंचायतें अब भी इंटरनेट सेवा से वंचित हैं।