पेट्रोल पम्पों पर शोपीस बनी हैं मशीने, नहीं मिलती हवा और पानी की सुविधा

संचालित पेट्रोल पम्पों का नहीं लिया जाता कभी जायजा

पेट्रोल पम्पों पर शोपीस बनी हैं मशीने, नहीं मिलती हवा और पानी की सुविधा

– संचालित पेट्रोल पम्पों का नहीं लिया जाता कभी जायजा 

 

जिले में संचालित पेट्रोल पम्पों में वाहन सवारों को मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। सभी पेट्रोल पम्पों में हवाए पानी एवं शौचालय की सुविधा देना अनिवार्य है किन्तु पेट्रोल पम्प संचालकों की मनमानी के चलते कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिला मुख्यालय में संचालित पेट्रोल पम्पों का जायजा लिया गया तो मालुम पड़ा कि कुछ पम्पों में शोपीस के लिए हवा भरने की मशीन तो मौजूद है लेकिन पूछताछ करने पर मालुम पड़ा कि हवा भरने वाला कर्मचारी कहीं गया है।

इसी तरह की बहानेबाजी जहां भी हवा भरने की मशीन थी देखने को मिली। इसी तरह पेट्रोल पम्प परिसरों में शौंचालय एवं शुद्ध पेयजल की सुविधा पूरी तरह से नदारत देखी गई। पूछताछ करने पर पेट्रोल पम्प कर्मचारियों ने कहा कि उन्हे स्वयं पानी पीने के लिए दूर जाना पड़ता है। यह अवश्य है कि गर्मी ज्यादा बढ़ जाने पर कर्मचारियों के लिए पानी की व्यवस्था आगे बना दी जाएगी।

वाहन से आने वाले लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। चर्चा के दौरान कुछ वाहन चालको ने भी बताया कि यहां के पेट्रोल पम्पों में कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती। स्थिति यह है कि कभी.कभार जब मशीन देखकर हवा भराने का प्रयास किया जाता है तो हमेशा यही जवाब मिलता है कि संबंधित कर्मचारी कहीं गया है। दरअसल जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते पेट्रोल पम्प संचालकों को अच्छे से मालुम है कि पेट्रोल पम्प संचालन के लिए जो भी आवश्यक गाइडलाइन निर्धारित है उसका पालन करना कतई जरूरी नहीं है।

उनका पूरा ध्यान इसी में रहता है कि ग्राहकों को पूरी कीमत देने के बाद भी सही माप न मिले। इसी वजह से पेट्रोल पम्पों में डीजल एवं पेट्रोल लेने के दौरान मशीन में लीटर की सेटिंग अवश्य कर दी जाती है लेकिन ईधन भरने वाला कर्मचारी जान बूझकर तेज स्पीड में मशीन चलाता है और अचानक कई बार बटन दबा देता है जिससे मीटर का नम्बर बढ़ जाय और ईधन वाहन की टंकी में कम जाय।

इसी तरह की धोखाधड़ी शहर के अधिकांश पेट्रोल पम्पों में लम्बे अर्से से हो रही है। पेट्रोल पम्प में तैनात कर्मचारियों द्वारा टोकने के बाद भी अपनी बाजीगीरी दिखाने से बाज नहीं आते। यह सब कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ के चलते हो रहा है।

नहीं होता औचक निरीक्षण 

पेट्रोल पम्पों का जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कभी भी औचक निरीक्षण नहीं किया जाता। इसी वजह से सभी नियमों को ताक पर रखकर पेट्रोल पम्प संचालन करने की होड़ सीधी जिले में मची हुई है। यदि पेट्रोल पम्पों में ग्राहकों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं जिला मुख्यालय में ही नहीं मिल रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पेट्रोल पम्पों की सुविधाओं का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

जानकारों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पेट्रोल पम्पों में तो मिलावट का कारोबार भी काफी ज्यादा चल रहा है। ग्राहकों से पूरी कीमत लेने के बाद जो डीजल एवं पेट्रोल दिया जाता है उसमें कैरोसीन की मिलावट काफी ज्यादा होती है। इसी वजह से वाहनों के चलने में एवरेज न मिलने की शिकायतें बनी रहती है। सीधी जिले में पेट्रोल पम्पों के संचालन में जमकर मनमानी की जा रही है।

साथ ही यहां से मिलने वाले पेट्रोल एवं डीजल की माप को लेकर भी ग्राहकों को हमेशा शिकायत बनी रहती है। यदि जिम्मेदार अधिकारी महीने में 2.3 बार भी सभी पेट्रोल पम्पों का प्राथमिकता के साथ निरीक्षण करे और वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लें तो व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार आ सकता है।

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