निलंबित हो गए आरईएस के प्रभारी कार्यपालन यंत्री

उपयंत्री व सहायक यंत्री भी हुए निलंबित, तीनों को भोपाल किया गया अटैच-विगत दिनो जबलपुर से आई थी जांच टीम

जिले में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री को निर्माण कार्यों में अनियमित्ता की शिकायत पर अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन ने इनके साथ ही उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निलंबित कर इनको भोपाल अटैच कर दिया गया है। उक्त कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्मों में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के लोगों ने कार्रवाई की जमकर प्रशंसा की है।

 

2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद हिमांशू तिवारी का बतौर प्रभारी कार्यपालन यंत्री केरूप में सीधी जिले में पदार्पण हुआ था। प्रभार ग्रहण करने के बाद से ही इन्होने अपना खेल शुरू कर दिया खेल जारी ही रहा कि कांग्रेस की सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार बनी तब माना जा रहा था कि जल्द ही इन पर कार्रवाई हो सकती है लेकिन किसी की भी इतनी हिम्मत नही हुई कि इन पर कार्रवाई करा दे। वजह यह रही कि सीईओ जिला पंचायत से लेकर सभी जनप्रतिनिधि इस खेल में शामिल रहे। इस बीच इनका तबादला भी हो गया था लेकिन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से सांठ-गांठ जमाकर सबसे यह लिखवाकरपत्र भोपाल भेजा गया कि अगर इनको जिले से मुक्त कर दिया जायेगा तो योजना प्रभावित होंगी जिसके बाद इनका ट्रांसफर आदेश निरस्त हो गया। उसके बाद हिमांशू तिवारी ने और तेजी के साथ काम करना शुरू किया जिसमें पुष्कर धरोहर, अमृत सरोबर, गौशाला, फलोद्यान योजना, भवन मरम्मत, भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण का इतनी तेजी से निर्माण कराया गया है कि इन कार्यों का जिले में पता-रता ही नहीं है। इसी बरसात में दर्जनों सड़कों, पुल, चेक डैम, स्टाप डैम एवं अमृत सरोवर जमीदोज गए है। शुरूआती दौर में शिकायतें भी खूब हुई लेकिनकिसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई जिससे पूरी तरह से भयमुक्त होकर कार्य करने में लगे रहे लेकिन विगत दिनो जबलपुर सेआई टीम द्वारा इनके मात्र दो कार्यों की जांच की और जांच करके प्रतिवेदन भोपाल भेजा गया जहां 28 अगस्त को इनके साथविजेन्द्र सिंह सहायक यंत्री एवं उपयंत्री अरूण कुमार द्विवेदी को निलंबित कर भोपाल अटैच कर दिया गया है।

 

अजय सिंह की शिकायत पर पहुंची थी टीम

 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं अजय सिंह राहुल ने आरईएस के भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख अभियंता मध्यप्रदेश ग्रामीण यात्रिकी विकास विभाग से की थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए मोहन सिंह मोरी चीफ इंजीनियर जबलपुर के नेतृत्व में टीम का गठन कर जांच करने के लिए सीधी भेजा गया था जिस पर मोरी ने कुसमी विकासखंड में बनी 1 करोड़ की पुल का निरीक्षण किया था जिसमें जमकर लापरवाही बरती गई थी जिसके कारण पुल आधी बह गई थी, एवं 40 लाख के बले अमृत सरोवर सहित एक सड़क का निरीक्षण इनके द्वारा किया गया था जिस पर जमकर अनियमित्ता पाई गई थी।जिसका प्रतिवेदन इनके द्वारा भोपाल भेजा गया था।

 

राकेश एवं श्रवण पर नही आई आंच

 

आरईएस द्वारा कराये गए भ्रष्टाचार में राकेश सिंह, श्रवण द्विवेदी एवं दो मटेरियल सप्लायर फर्मों पर अभी जांच की आंच नहीं आई है। सूत्रों द्वारा बताया गया कि हिमांशू तिवारी के किये गए भ्रष्टाचारों में इनकी भी भूमिका काफी अहम रही है. लेकिन हुई कार्रवाई में इनका नाम न शामिल होना पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं सूत्रों की माने तो अभी जांच होना शेष है जिसके साथ-साथ राकेश सिंह, श्रवण द्विवेदी एवं दो सप्लायरों की भी इस पूरे मामले में गर्दन फंसना तय है।

 

रीती भी रही मुखर

 

सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक भी आरईएस एवं वाटरशेड द्वारा कराये गए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर मुखर रही है। इनके द्वारा अभी हाल ही में दोनो विभागों द्वारा सीधी विधानसभा में कराये गए निर्माण कार्यों का घूम-घूम कर जायजा लिया गया था जहां एक ही स्थान पर दोनो विभागों द्वारा कार्य कराना पाया गया था जिसको लेकर इनके द्वारा इनके निर्माण कार्यों की जांच की मांग की गई थी। हलाकि वाटरशेड द्वारा करोड़ों रूपये फर्जी निर्माण कार्यों के नाम पर फूंक दिये गए है जो जांच का विषय है। अगर इस पूरे मामले में जांच होती है तो वाटरशेड परियोजना प्रभारी दीपक अहिरवार की भी इस पूरे मामले में गर्दन फंसती दिख रही है।

 

परियोजनाओं को हिमांशू ने किया नष्ट

 

जिले में विकास कार्यों के नाम पर मिले करोड़ों-अरबों रूपये बिना किसी ठोस कार्ययोजना के फूंक दिये गए हालात ये है कि इन निर्माण कार्यों को अब ढूढ़ना पड़ रहा है। इनके द्वारा जिला पंचायत का रंग रोगन कराया गया जो काफी घटिया रहा है। गौशाला की परियोजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। अमृत सरोवरों का दिवाला निकल गया है। पुष्कर धरोहरों का अता-पता नहीं है। बेलहा डैम में 5 करोड़ से ज्यादा फूंक दिये गए है जिसमें ठेकेदार मालामाल रहे है। कुसमी विकासखंड में करोड़ों की पुल ध्वस्त हो गई, रामपुर नैकिन विकासखंड में सड़कों के परखच्चे उड़ गए है एवं एक-दो सड़कों के नाम पर राशि आहरित करने का खेल इनके द्वारा खेला गया है।

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