जिन पर लगा था भ्रष्टाचार का आरोप उन्हें मिला धान मिलिंग का कार्य

अनियमितता के मामले में कार्यवाई की बजाय दिया गया उपहार

प्रशासन की ऐसी मेहरबानी दिख रही है जिन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, उनके खिलाफ जांच भी की जा रही है फिर भी उन्हें धान मिलिंग का काम रीवा में मिलने की जानकारी मिली है। जबकि रीवा में संबंधित फर्मों द्वारा पहले से ही मिलिंग को लेकर भ्रष्टाचार किया जा चुका है।

जानकारी के अनुसार अंतर जिला धान मीलिंग के लिए रीवा के जिन मिलर्स को आदेश जारी कराया गया है उन पर पहले से फर्जी लाट व कई लाख के चावल डिपाजि घोटाले की जांच चल रही है। किंतु राजनीतिक संरक्षण के चलते फर्जीवाडे में लिप्त मिलर्स को ब्लैक लिस्ट करने की बजाय उन्हें रीवा के साथ सीधी व अन्य जिलों में उपार्जित धान की मीलिंग का कार्य सौंपकर उपकृत किया जा रहा है। बताया गया है कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 10 लाख 34 हजारमैट्रिक टन धान का उपार्जन होने पर सीधी के मिलर्स को उपलब्ध कराई गई धान के विरुद्ध १ लाख क्विंटल मीलिंग होने के बाद जिला प्रबंधक मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड सीधी द्वाराअंतर जिला मौलिंग की अनुमति संबंधी प्रस्ताव पत्र क्रमांक धान मीलिंग 2023- 24/420 दिनांक 10.07.2024 मुख्यालय भोपाल भेजा गया था जिस पर मुख्यालय द्वारा रीवा जिले के मे. मां कृपाइंडस्ट्रीज प्राइवेट लि. एवं मे. रीवा यश इडस्ट्रीज को धान की मीलिंग कराने की अनुमति दे दी गई।

 

हालांकि अंतर जिला मीलिंग को लेकर सीधी के मीलर्स इसका कड़ा विरोध करते हुए महाप्रबंधक धान मीलिंग मप्र स्टेट सिविल भोपाल के नाम ज्ञज्ञपन भी दिया गया। दरअसल हकीकत यह है कि रीवा के यह मीलर्स अधिकारियों से सांठ

 

गांठ कर धान मीलिंग के नाम पर हर वर्ष लाखों का फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं। जिसकी शिकायत होने पर विभागीय सतर से टीम गठित कर जांच की जा रही है। फर्जीवाडे के इस मामले में रीवा के एक कनिष्ठ कर्मचारी को निलंबित तो कियागया लेकिन मिलर्स व मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।

 

फर्जी डिपाजिट व धान की हेराफेरी का आरोप

 

अंतर जिला धान मीलिंग के लिए जिन रीवा के मिलर्स को आदेश दिया गया है उप पर फर्जी डिपाजिट व धान के हेराफेरी का आरोप है। जिसकी शिकायत मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड मुख्यालय भोपाल से की गई है। शिकायत में आरोप है कि अनिल बुधवानी की फर्म रीवा यश इंडस्ट्रीज को 75 लाट का सीएमआर चावल फर्जी डिपाजिट के जरिए दिया गया वहीं यश इण्डस्ट्रीज एवं मनीराम मां कृपा मिलर्स द्वारा 2000 क्विंटल धान की हेराफेरी भी की गई है। बताया गया है कि जांच होने पर शिकायत प्रमाणित भी पाई गई लेकिन इन फर्मों पर कार्यवाही करने की बजाय दूसरे जिले की धान मीलिंग का कार्य सौंपा गया है। बताया गया है कि फर्जीवाड़े में रीवा के तत्कालीन जिला प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी की भूमिका भी अहम है। जिन्हें कटनी कर दिया गया है। राजनीतिक संरक्षण के चलते भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों एवं मिलर्स पर कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।

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