कन्या शिक्षा परिसर सीधी की प्राचार्य हुईं निलंबित

चार सदस्यीय टीम ने जांच के बाद दिया था प्रतिवेदन

संवाददाता अविनय शुक्ला

 

रीवा संभाग रीवा के कमिश्रर बीएस जामोद ने शासकीय आदिवासी कन्या शिक्षा परिषद सीधी की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रेखा सिंह को प्राप्त जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। कमिश्नर के जारी आदेश क्रमांक 124/तीन/स्था./1/2024 कलेक्टर जिला सीधी द्वारा पत्र क्रमांक 1265/स्था. सामान्य / ज.जा.का.वि./ 2024 सीधी दिनांक 6 जुलाई 2024 से शासकीय आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर सीधी में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रेखा सिंह के विरूद्ध निलंबन प्रस्ताव प्रेषित करते हुए लेख किया गया था कि श्रीमती रेखा सिंह के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच तहसीलदार गोपदबनास की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय जांच दल से कराई गई। जांच में पाया गया कि प्राचार्य शासकीय आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर सीधी द्वारा आवासीय परिसर विद्यालय का प्रबंधन एवं संचालन एम.पी.सरस / एम.पी. टास के दिशा-निर्देशों के विपरीत किया गया। गणवेश क्रय में भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। शासकीय धनराशि को व्यक्तिगत उपयोग किया गया। वित्तीय वर्ष 2014-15 से जांच दिनांक तक वर्षवार बैंक द्वारा दिये गये व्याज का गबन किया गया। शासकीय आवास में निवास करते हुए भी उनके द्वारा आवासीय भत्ता लिया गया। इस प्रकार श्रीमती रेखा सिंह ने पदीय दायित्वों का निर्वहन निष्ठा पूर्वक न करते हुए वित्तीय अनियमितता की है। कलेक्टर जिला सीधी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुक्रम में श्रीमती रेखा सिंह को उपर्युक्त आरोपों के संबंध में दिनांक 15 जुलाई 2024 को समक्ष

 

में सुना गया। सुनवाई के दौरान श्रीमती सिंहद्वारा प्रस्तुत जवान के प्रतिपरीक्षण हेतु जांच दल को दिनांक 24 जुलाई 2024 को समक्ष में सुना गया। जांच दल द्वारा प्रस्तुत तथ्यों एवं अभिलेखों के परीक्षणोपरांत श्रीमती सिंह द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया। श्रीमती सिंह द्वारा कारित उपरोक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। अतः श्रीमती रेखा सिंह प्रभारी प्राचार्य शासकीय आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर सीधी को पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता बरतने के कारण मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में श्रीमती रेखा सिंह का मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला सीधी नियत किया जाता है। श्रीमती रेखा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

 

सीधी विधायक की शिकायत पर हुई थी जांच

 

कन्या शिक्षा परिसर सीधी में अनियमितताओं को लेकर सीधी विधायक श्रीमती रीत्ती पाठक द्वारा की गई शिकायत के परिपेक्ष्य में गठित चार सदस्यीय टीम ने जांच में लाखों की गड़बड़ी पाई थी। जांच समिति की अध्यक्ष तहसीलदार गोपदबनास सीधी एवं सदस्य में सहायक कोषालय अधिकारी सीधी, प्रभारी कनिष्ठ लेखा अधिकारी जनजाति कार्य विभाग सीधी एवं सहायक ग्रेड-3 जनजाति कार्य विभाग सीधी शामिल थे। जांच टीम द्वारा विस्तृत जांच प्रतिवेदन कलेक्टर सीधी को 4 जुलाई 2024 को सौंपा गया था। जांच प्रतिवेदन में कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 गणवेश का वितरण नहीं हुआ। वित्तीय वर्ष 2023-24 में नवीन छात्रा 6वीं एवं 9वीं की बच्चियों को गणवेश नहीं दिया गया। वर्ष 2023-24 में शासन के आदेशानुसार कन्या शिक्षा परिसर का प्राप्त आवंटन एसएमडीसी खाता मेंहस्तातरित करते हुये गणवेश की राशि 5 लाख 68 हजार 500 आहरित की गई थी। यह राशि वसूली योग्य है। इसी तरह वर्ष 2022-23 में नवीन बिस्तर सामग्री एवं – पुराने बिस्तरों का नवीनीकरण हेतु 8 लाख 34 हजार 500 रूपये एवं 1 लाख 60 हजार शासन द्वारा प्रदाय किये गये थे। किन्तु प्राचार्य द्वारा छात्रावास अधीक्षिका को प्रदाय नहीं किया गया। इस संबंध में कोई अभिलेख संधारित नहीं है। इसी तरह अन्य मद को मिलाकर 16 लाख 22 हजार 350 रूपये वसूली योग्य है। जांच टीम ने अपने प्रतिवेदन में एफआईआर की जाकर खाता होल्ड कराते हुये एसएमडीसी के जितने भी खाते हैं खोले गये दिनांक से खाता विवरण लिया जाकर मदवार, वर्षवार, आवंटन वार, शासन को हुई हानि, गबन की राशियों का वर्षवार गणना कर मप्र वित्तीय संहिता भाग-1 पर्विशिष्ट 1-अ में दिये गये निर्देशों का पालन करते हुये हानि का उत्तरदायित्व का परिवर्तन नियमन करने की अनुशंसा की थी। साथ ही प्राचार्य का ता भी होल्ड कराने एवं शासन को हुई खाता हानि पर कार्रवाई की अनुशंसा तुशंसा की गई। थी

 

 

जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि वित्तीय वर्षवार काफी सामग्नियों का भौतिक सत्यापन/क्रय ही नहीं हुआ है। अतः वित्तीय वर्षवार आवंटन, मदवार राशि वसूली योग्य है। दिनांक 5 नवम्बर 2023 की स्थिति में प्राचार्य के व्यक्तिगत खाते में 1 करोड़ 3 लाख 96 हजार 789.90 रूपये सभी मदों में वसूली योग्य 1 करोड़ 28 लाख 92 हजार 639 रूपये है। जो साफइंगित करता है कि शासन के सभी मदों की राशि धीरे-धीरे प्राचार्य के व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित की गई है। जिसमें 24 लाख 95 हजार 850 रूपये का अंतर है।

 

 

Latest Sidhi newsSidhi newssidhi news today
Comments (0)
Add Comment