इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार गांव से लेकर शहर तक हर जगह देखने को मिल रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि उनका खुला संरक्षण प्राप्त है यही वजह है कि प्रशासन का कोई खौफ नहीं है।
अवैध संचालित क्लिनिको पर अधिकारी कागजों तक ही टीम गठित कर रह जाते हैं जमीनी हकीकत पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती है इसलिए सवाल यह उठता है कि कहीं ना कहीं नजराना तय होगा यही वजह हो सकती है की कार्यवाही उनके द्वारा नहीं की जाती है।
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यह है पूरा मामला
सीधी जिले के विधानसभा सिहावल क्षेत्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल के बहरी थाना अंतर्गत एक मामला प्रकाश में आया है कि जहां पर सूत्रों की माने तो बहरी तहसील के मायापुर में पिछले वर्ष अवैध क्लिनिक संचालक पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्यवाही की गई थी जिसका प्रकरण जिला न्यायालय सीधी में विचाराधीन है लेकिन इसके बाद भी बंगाल से आया डॉक्टर अवैध रूप से बिना रजिस्ट्रेशन नंबर का क्लीनिक संचालित कर रहा है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार क्यों इस प्रकार की व्यवस्था संचालित है अधिकारियों पर बड़ा सवाल उठ रहा है कि अभी तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है फिर भी क्लीनिक कैसे संचालित है देखना दिलचस्प यह होगा कि क्या उक्त मामले पर विवेचना कर अधिकारियों के द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाती है या यूं ही अवैध क्लिनिक संचालित होती रहेगी।