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Sidhi news : कंपनी द्वारा किया जा रहा अवैध मुरुम का उत्खनन, शिकायत बाद भी नहीं लग पाई पावंदी 

अवैध मुरुम उत्खनन कर लगाया करोड़ों का चूना 

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कंपनी द्वारा किया जा रहा अवैध मुरुम का उत्खनन, शिकायत बाद भी नहीं लग पाई पावंदी

– अवैध मुरुम उत्खनन कर लगाया करोड़ों का चूना

 

जिले के तहसील रामपुर नैकिन ग्राम अमिलई में सडक़ निर्माण कर रही डाबर कंपनी द्वारा शासकीय भूमि से मुरुम का अवैध परिवहन एवं उत्खनन का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। कंपनी द्वारा अब तक में करोड़ों रुपए का चूना शासन को लगाया जा चुका है। इसके बाद भी उसके ऊपर कोई पाबंदी लगाने की जरूरत जिम्मेदारों द्वारा नहीं समझी जा रही है।

ऐसा आभाष होता है कि मुरुम के अवैध उत्खनन में कई जिम्मेदार अधिकारियों का भी खुलेआम संरक्षण है। जिसके चलते कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार अमिलई की शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 55, रकवा 9.83 हेक्टेयर जिसमें पत्थर और मुरुम पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। रीवा-शहडोल मार्ग बघवार से अमिलई तक सडक़ का काम कर रही मेसर्स डाबर कांस्ट्रेक्शन कम्पनी के पेटी ठेकेदार स्क्रोन इन्फ्रास्टेक्चर के द्वारा मुरुम की अवैध निकासी कराने का कार्य शुरू करा दिया गया।

 

बताया गया है कि स्क्रोन इन्फ्रास्टेक्चर पेटी ठेकेदार के द्वारा अब तक करीब 25 हजार हाईवा लाखो घनमीटर मुरुम का अवैध उत्खनन करा लिया गया है। उक्त कम्पनी व पेटी संविदाकार के द्वारा खनिज विभाग की बिना अनुमति के अवैध रूप से मुरुम का उत्खनन करना शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं उक्त पेटी ठेकेदार द्वारा शासकीय भूमि से लगी निजी भूमि रामलाल गोड़ आदिवासी की बिना अनुमति लिये उनकी भूमि से करीब डेढ़ हजार हाइवा मुरुम की निकासी करा लिए है।

इसी तरह कई ऐसे किसान है जिनकी भूमि से खनिज विभाग की बिना अनुमति के मुरुम की निकासी कर उनके खेतो में गड्ढा कर दिया है जिसको अभी तक समतल नही किया गया है। मध्यप्रदेश रोड डेव्ल्हपमेंट विभाग से रीवा.शहडोल मार्ग के निर्माण के लिए मेसर्स डाबर कांस्ट्रेक्शन कंपनी का टेंडर स्वीकृत किया गया था। किंतु उक्त कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य स्क्रोन इन्फ्रास्टेक्चर कम्पनी को पेटी में सौंप दिया गया।

पेटी ठेेकेदार एमपीआरडीसी के डीपीआर को दरकिनार कर मनमानी तरीके से काम करा रही है। उक्त कार्य का अभी तक कोई बोर्ड तक मौके पर नहीं लगाया गया है कि किस कंपनी के द्वारा इतनी लागत से सडक़ निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। सडक़ निर्माण के दौरान पुल-पुलियों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कंपनी द्वारा सडक़ का निर्माण कार्य शुरू करते ही मनमानी शुरू कर दी गई।

 

जिसके चलते कई बार ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर भी विरोध प्रदर्शित किया। फिर भी पेटी कांट्रेक्टर द्वारा बिना कोई अनुमति लिए ही मुरुम का अवैध उत्खनन शासकीय एवं निजी भूमियों से करने का सिलसिला जारी रखा गया। जिसके चलते सडक़ निर्माण में लगी कंपनी एवं पेटी कांट्रेक्टर के विरुद्ध ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग द्वारा अवैध मुरुम उत्खनन में शासन के राजस्व की भारी चोरी की गई है। जिस पर विभागीय अधिकारियों को गंभीरता के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए और चोरी किए गए राजस्व की वसूली की जाए।

 

सडक़ निर्माण से उठ रहे धूल के गुबार

ंरीवा-शहडोल मार्ग के बघवार-अमिलई तक सडक़ का निर्माण कार्य स्क्रोन इन्फ्रास्ट्रक्चर पेटी कांट्रेक्टर द्वारा निर्धारित मापदंडों की अनदेखी करते हुए मनमानी तौर पर कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के दौरान धूल की गुबारें बड़े पैमाने पर उठ रही हैं। जिसके चलते बुढग़ौना, भरतपुर, अमिलई, भैंसरहा के ग्रामीणजन काफी परेशान हैं।

कहने के लिए कंपनी के द्वारा सडक़ की धूल कम करने के लिए पानी छिडक़ाव की औपचारिकता ही निभाई जा रही है। सही तरीके से पानी का छिडक़ाव न होने पर धूल के गुबारे काफी दूर तक पहुंच रही हैं। जिस स्थान पर सडक़ का निर्माण कार्य किया जा रहा है। उसके आसपास रहने वाले ग्रामीणों के घरों के अंदर भी धूल की गुबारें पहुंच रही हैं। सडक़ के किनारे रहने वाले ग्रामीणों के खाने-पीने की सामग्री में धूल पहुंच रही है।

जिसके चलते उनके दमा जैसी गंभीर बीमारी की आगोश में पहुंचने का खतरा भी बना हुआ है। चर्चा के दौरान सडक़ के किनारे रहने वाले कुछ ग्रामीणों ने बताया कि संविदाकार द्वारा सडक़ का निर्माण कार्य सिर्फ अपनी सुविधा के लिहाज से किया जा रहा है। सडक़ निर्माण के चलते काफी धूल यहां से उठ रही है। जिससे वह काफी दिनों से परेशान हैं।

इस बारे में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते गरीब अब भगवान भरोसे अपने घरों में कैद हैं। सडक़ निर्माण का कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार करने की जरूरत भी नहीं समझी जा रही है। ऐसा आभाष होता है कि निर्माण कंपनी सिर्फ अपना ही हित देख रही है। उड़ रहे धूल के गुबारों से लोगों को हो रही परेशानियों पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझ रहा।

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