Aditya L1: भारत ने रचा इतिहास आदित्यL1 । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिया बधाई
भारतीय ISRO ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए हासिल की बड़ी कामयाबी
इसरो के लिए इस साल बहुत ही की शानदार भी था इसी साल उन्होंने चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद आदित्य L1 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा था आज यानी 6 जनवरी 2024 की बात करें तो नए साल पर इतिहास रचते हुए भारत का आदित्य सेटेलाइट L1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया गया है
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इसरो ने 6 जनवरी 2024 से नए साल पर भारत का आदित्य सेटेलाइट L1 पॉइंट को हेलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया है इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को बधाई दिया बता दे कि भारत ने पहले सोलर ऑब्जर्वेटरी की धरती से दूरी 15 लाख किलोमीटर है 2 सितंबर 2023 को शुरू हुई आदित्य की यात्रा खत्म हो चुकी है 400 करोड रुपए का यह मिशन अब भारत समेत पूरी दुनिया के सैटेलाइट को सौर तूफान से बचाएगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले आंतरिक से आधारित मिशन आदित्य L1 6jan को शनिवार पृथ्वी से लगभग 15 किलोमीटर दूरी अपने गंतव्य स्थान पर इसकी हेलो ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है इसरो के अधिकारियों के अनुसार ही इस सैटेलाइट ने कार्य के सफलता हासिल की है इसके साथ ही सूरज की स्टडी कर रहे नासा के चार आने सेटेलाइट के समूह में शामिल हो जाएगा