एक ऐसा क्षेत्र जहां सबसे पहले मां को अर्पित की जाती है कजलिया फिर होता है उत्साह
पाली क्षेत्र अंतर्गत मनाया जाता है यह त्यौहार
एक ऐसा क्षेत्र जहां सबसे पहले मां को अर्पित की जाती है कजलिया फिर होता है उत्साह
तपस गुप्ता उमरिया (7999276090)
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले की पाली में विराजमान मां बिरासिनी का मंदिर स्थित है। जहां बड़े ही धूमधाम के साथ हर त्यौहार मनाया जाता है जहां आज कजलिया का त्यौहार बड़े ही उत्साहपूर्वक लोग मनाते हुए दिखाई देते हैं।
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कजलिया का त्यौहार में सबसे पहले सगरा तालाब में कजलिया को प्रवाहित किया जाता है उसके बाद कजलिया को मां के पास लाया जाता है। जहां सबसे पहले मां को यह अर्पित की जाती है और उसके बाद लोग अपने घरों में जाकर अपने इष्ट देवता और फिर अपने घर के बुजुर्गों तथा बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। यह कोई त्यौहार आज का नहीं है बल्कि इसकी परंपरा सैकड़ो और हजारों वर्ष पुरानी है। इस त्यौहार का एक खास महत्व होता है जहां पर सभी बहने पहले तो रक्षाबंधन के दिन अपने भाइयों के हाथों में राखी बांधती है और उसके एक दिन बाद कजलिया का त्यौहार मनाया जाता है।
पाली क्षेत्र की एक और विशेषता है कि यहां पहले तो मां बिरासिनी को पहले कजलिया अर्पित की जाती है उसके बाद सारे नगर का भ्रमण किया जाता है जिसके बाद फिर से माता बिरासिनी मंदिर में पहुंचकर उन्हें अर्पित किया जाता है। वहीं श्रद्धालुओं ने यह बताया है कि यह आज का त्यौहार नहीं है यह आल्हा और उदल के जमाने का त्यौहार है जब आल्हा और उदल विराजमान थे तब से लेकर इस त्यौहार को मनाया जाता है।