संवाददाता अनिल शर्मा
रक्षाबंधन पर्व के दिन जिला जेल में भाई बहनों के बीच मेल-मिलाप एवं राखी बांधने की छूट रहती है। इस दौरान जेल में बंद भाइयों की कलाई पर रखी बांधते ही बहनों की आंखों में आंसू टपकने लगे। जानकारी के अनुसार सैकड़ा भर से ज्यादा बहनों ने जेल में बंदी भाइयों की कलाई में राखी बांधी है। वहीं कुछ भाई भी जिनकी बहनें जेल में बंद हैं वह राखी बंधवाने जेल पहुंचे थे।
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जिला जेल पड़रा में पहले से इस बार अलग व्यवस्था देखने को मिली है। जेल प्रशासन द्वारा बहनों को बाहर से व्यंजन या कोई सामग्री लाने की पाबंदी कर दी गई थी। सिर्फ राखी ही बाजार से ला सकती हैं। बांकीपकवान जेल में भी बनवाया गया था। इस दौरान जेल में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
जहां जिला जेल में आसपास के क्षेत्र की बहनों ने आकर अपने भाई के हाथों में राखी बांधी है। वहीं जिला जेल सीधी के जेलर केके तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस बार सुरक्षा के इंतजाम पर हम लोगों ने बाहर से सामग्री को लाने के लिए वर्जित किया था। जहां जिला जेल में ही खीर और मिठाइयों का इंतजाम किया गया है। जहां बहाने आकर अपने भाई को राखी बाजार से खरीदकर रक्षा कवच बांधीं। विभिन्न अपराधों में बंदी कैदियों को लेकर बहनों का प्यार भी कम देखने को नहीं मिला। जेल प्रशासन की कड़ी व्यवस्था के बीच रक्षाबंधन का पर्व जेल में मनाया गया है।